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    भोजपुर में सम्मेलन के बहाने सीटों पर संभावना तलाश रहे राजग के घटक दल, सम्मेलन की तिथि तय नहीं बढ़ा सस्पेंस

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 01:45 PM (IST)

    भोजपुर जिले में राजग चुनावी तैयारियों में लगा है लेकिन संदेश और अगिआंव में सम्मेलन की तिथि तय न होने से सस्पेंस बढ़ गया है। जदयू की दिलचस्पी कम होने के कारण सम्मेलन में देरी हो रही है। इन सीटों की अदला-बदली की चर्चा है। संदेश में जदयू की करारी हार हुई थी जबकि अगिआंव में भी उसे हार का सामना करना पड़ा।

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    सीटों पर संभावना तलाश रहे राजग के घटक दल

    जागरण संवाददाता, आरा(भोजपुर)। भोजपुर जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें राजग के घटक दलों की बात करें तो चार सीटों पर पिछले चुनाव में भाजपा ने भाग्य आजमाया था, जिसमें आरा, बड़हरा, शाहपुर और तरारी शामिल था। इस प्रकार जगदीशपुर, संदेश और अगिआंव पर जदयू ने अपनी किस्मत आजमाई थी। इसमें से उपचुनाव को लेकर तीन सीटों पर भाजपा का अभी भी कब्जा है।

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    स्थानीय स्तर पर सम्मेलन के बहाने सभी सीटों पर राजग अपनी संभावनाएं तलाशता नजर आ रहा है। इस क्रम में अब तक उसने चार सीटों पर सम्मेलन करा लिया और पांचवें सीट तरारी में 13 सितंबर को विधानसभा सम्मेलन आयोजित है। जिले में इतनी पकड़ मजबूत होने के बाद भी अब तक दो सीटों पर सम्मेलन नहीं होने के साथ कब होगा इसकी तिथि तय नहीं की जा सकी है।

    ये दोनों सीट जदयू के खाते में पिछले चुनाव में थी, वो सीट है संदेश और अगिआंव। इन दोनों विस में सम्मेलन के लिए समय तय नहीं होने के पीछे सबसे बड़ा कारण इन सीटों में जदयू की दिलचस्पी कम होना बताया जा रहा है। दूसरी तरफ अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं इस बार भोजपुर में जिन सीटों की अदला बदली एनडीए में हो सकती है, उसमें और सीटों के अलावे ये दोनों प्रमुख रुप से शामिल हैं।

    यदि सब कुछ सही रहता और ये दोनों सीट जदयू के खाते में जाना तय रहता तो यहां पर भी अब तक विधानसभा सम्मेलन हो गया रहता या उसकी तिथि तय हो गई होती। जदयू के कम दिलचस्प के कारण ही यहां अब तक समय निर्धारित नहीं हो पाया है। दोनों सीटों के इस बार भाजपा की दावेदारी की चर्चा है।

    संदेश में जेडीयू की रिकार्ड 50 हजार मतों से हुई थी करारी हार

    संदेश में जेडीयू के चुनाव लड़ने का अनुभव काफी खट्टा है। यहां पर पहली बार वर्ष 2020 में जेडीयू ने अपना प्रत्याशी लड़ाया जिनकी 50 हजार से ज्यादा मतों से हार हुई। इतनी बड़ी हार इस विधानसभा में अब तक नहीं हुई थी। इसके पहले भाजपा से यहां संजय टाइगर की वर्ष 2015-20 में 25 हजार से हार हुई थी परंतु वह वर्ष 2010 के चुनाव में 6822 मतों से चुनाव जीतकर नया इतिहास रच डाला था।

    अगिआंव में जदयू को पहली जीत के बाद दूसरी में मिली हार

    अगिआंव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2010-15 में भाजपा से शिवेश राम बदले समीकरण में चुनाव जीत गए थे। उसके बाद वर्ष 2015-20 में प्रभुनाथ प्रसाद जेडीयू से चुनाव जीते थे परंतु वर्ष 2020-25 में उनकी यहां से हार हो गई। उपचुनाव में भी वे प्रत्याशी थे परंतु उसमें भी उन्हें हार ही मिली थी। दोनों सीटों पर पिछले चुनाव में मिली हार से पार्टी अब यहां से चुनाव लड़ने को पूरी तरह से इच्छुक नहीं दिख रही है।