बूथ स्तर पर फीडबैक लेकर जिताऊ प्रत्याशी की तलाश कर रहा NDA, अंतर्कलह दूर करने की कवायद
आरा के शाहपुर में, एनडीए विधानसभा चुनावों के लिए जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में है। पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रही है ताकि सही उम्मीदवार का चयन किया जा सके और आंतरिक कलह को दूर किया जा सके। इसके लिए टेलीफोनिक बातचीत और बैठकों का आयोजन किया जा रहा है, और पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

जिताऊ प्रत्याशी की तलाश कर रहा NDA
दिलीप ओझा,शाहपुर(आरा)। विधानसभा में अंतर्कलह से जूझ रही एनडीए के प्रत्याशियों की खोजबीन के लिए फीडबैक लिया जा रहा है। इसके लिए जगह-जगह पर पार्टी द्वारा सक्रिय कार्यकर्ताओं को टास्क देकर बूथ स्तर पर जुड़े कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों से प्रत्याशियों को चयन हेतु फीडबैक लेने की कवायद तेज कर दी गई।
मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग क्षेत्र में एनडीए के अलग-अलग घटक दलों द्वारा अपने अपने स्तर से पार्टी के निर्देश अनुसार फीडबैक लिया जा रहा है कि आखिर कौन सा उम्मीदवार विधानसभा क्षेत्र में जिताउ प्रत्याशी होगा। इसको लेकर टेलीफोनिक तरीकों एवं बैठकों का दौर तेज हो चुका है।
बैठक के माध्यम से लोगों से फीडबैक
ऊपरी स्तर पर नियुक्त प्रभारी पदाधिकारियों द्वारा टेलीफोन के माध्यम से एवं बैठक के माध्यम से लोगों से फीडबैक लिया जा रहा है। ताकि प्रत्याशी के चयन में पारदर्शिता आ सके एवं उम्मीदवार पार्टी को मिल सके। क्योंकि पिछले दो चुनाव में पार्टी अपने अंतर्कलह के कारण विधानसभा का चुनाव हार चुकी है।
अब आलम है कि दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर कर पीता है यह कहावत चरितार्थ होती दिख रही। मंडल अध्यक्ष से लेकर बूथ स्तर के प्रभारी एवं सक्रिय सदस्यों तथा समर्थकों से गुप्त गौर पर भी उनके मंतव्य को जानने की कोशिश की जा रही है। ताकि पार्टी नेतृत्व को निचले स्तर से मिले फीडबैक को दिया जा सके।
कॉल कर मत जानने की कोशिश
इधर भाजपा के मुख्य कार्यालय से लेकर जिला कार्यालय तक के पदाधिकारियों द्वारा पार्टी से जुड़े पुराने एवं नए सदस्यों से फोन कर उनसे उनका मंतव्य भी जानने की कोशिश की जा रही है। साथ ही साथ पार्टी के साथ मजबूती से खड़े होने का भी संदेश जारी किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि इस बार पार्टी द्वारा अपने पुराने साथियों को नए सिरे से जोड़कर पार्टी के नींव को मजबूत कर चुनाव में उतरने की कोशिश की जा रही है। ताकि वोटरों के मनोबल को ऊंचा रखकर बूथों तक पहुंचा जा सके।
क्योंकि देखा जा रहा है कि पार्टी अपने समर्थकों को भी मतदान के लिए उसे तरह से प्रेरित नहीं कर पा रही है जैसे कि किया जाना चाहिए। लिहाजा वोटिंग परसेंटेज में गिरावट दर्ज की गई थी। यही हार जीत का सबक भी बन रहा है। पार्टी दृष्टिकोण इस बार सीधा परिलक्षित हो रहा है कि किसी भी सूरत में शाहपुर विधानसभा में एनडीए की जीत दर्ज कराई जा सके।
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