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    छठ घाट पर गूंजी किलकारी, भोजपुर के सूर्य मंदिर में जन्‍मा 'सूर्यपुत्र'

    By Vinod Suman Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Tue, 28 Oct 2025 04:09 PM (IST)

    भोजपुर में छठ पूजा के दौरान एक महिला ने छठ घाट पर बच्चे को जन्म दिया। सूर्य मंदिर के पास हुई इस घटना में, प्रसव पीड़ा होने पर महिला ने घाट पर ही बच्चे को जन्म दिया। सूर्य देव की आराधना के समय जन्म होने के कारण बच्चे को 'सूर्यपुत्र' लोग कहने लगे। पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई।

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    नवजात के साथ प्रसन्‍न मुद्रा में एएनएम। जागरण

    संवाद सहयोगी, पीरो (आरा)। आस्था और अद्भुत संयोग का दृश्य सोमवार की रात बहरी महादेव धाम स्थित सूर्य मंदिर परिसर में देखने को मिला, जब छठ व्रत कर रही एक महिला ने भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के बाद अचानक उठी प्रसव पीड़ा के बीच स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। यह खबर फैलते ही मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं में हर्ष की लहर दौड़ गई और लोग नवजात की एक झलक पाने को उमड़ पड़े। सभी का कहना था कि यह सूर्यपुत्र है। 

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    जानकारी के अनुसार, अगिआंव बाजार थाना क्षेत्र के जगदेवपुर गांव निवासी मुकेश कुमार की पत्नी सीमा देवी अपने परिवार के साथ छठ महापर्व का अनुष्ठान करने बहरी महादेव धाम पहुंची थीं। सोमवार की शाम उन्होंने सहज रूप से अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया। लेकिन दूसरा अर्घ्य देने से पहले ही रात लगभग एक बजे उन्हें प्रसव पीड़ा होने लगी। इससे घबराए स्‍वजन ने तुरंत वहां स्थित अस्थायी स्वास्थ्य शिविर के कर्मियों को सूचना दी। 

    स्वास्थ्यकर्मियों की तत्परता से महिला को शिविर में लाया गया, जहां दो एएनएम की देखरेख में सुरक्षित प्रसव कराया गया। कुछ ही देर में सीमा देवी ने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। पीरो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रवि ने बताया कि मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। इससे स्‍वजनों में तो खुशी की लहर दौड़ी ही, वहां उपस्‍थ‍ित जिसने भी यह खबर सुनी, सभी उस बच्‍चे को देखने पहुंचे।

    छठ का उपवास रख रही व्रती द्वारा पुत्र जन्म देने की घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। श्रद्धालु इसे सूर्य भगवान की कृपा और आस्था की शक्ति का प्रतीक मानने लगे। वहीं पुत्ररत्न की प्राप्ति से मुकेश कुमार का परिवार खुशी से झूम उठा। लोगों ने कहा—“यह चमत्कार नहीं, सूर्य देव की महिमा का प्रत्यक्ष प्रमाण है।” बहरी महादेव धाम में इस अद्भुत संयोग ने छठ महापर्व की पावनता को और भी पवित्र बना दिया।