Sandesh Vidhansabha: NDA को पिछले चुनाव का अंतर दे रहा टेंशन, क्या इस बार राजद का किला भेद पाएगा?
भोजपुर जिले के संदेश विधानसभा क्षेत्र में राजद का दबदबा कायम है, लेकिन इस बार एनडीए की एकजुटता से मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है। जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पिछले चुनावों में राजद को मिले मतों के अंतर को पाटना एनडीए के लिए एक चुनौती है। वहीं, राजद को भी अपने समीकरण को बचाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

संदेश विधानसभा में NDA को पिछले चुनाव का अंतर दे रहा टेंशन
कंचन किशोर, आरा। भोजपुर जिले की सात विधानसभा सीटों में संदेश पिछले दो चुनावों से राष्ट्रीय जनता दल का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। यहां का राजनीतिक गणित हर बार नए समीकरणों के साथ बदलने की कोशिश करता है, लेकिन नतीजा अब तक लगभग एकतरफा ही रहा है।
पिछले दो चुनावों में राजद ने कुल पड़े मतों में लगभग 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी को अपने पक्ष में किया है। हालांकि, इस बार क्षेत्र का परिदृश्य थोड़ा बदला हुआ है। पिछले चुनाव में अलग रही लोजपा(रामविलास) समेत सभी घटक दल एकजुट हैं, जिससे एनडीए का गणित भी काफ़ी मजबूत बताया जा रहा है, लेकिन पिछले दो चुनावों में मतों का बड़ा अंतर उसे चिंता दे रहा है ।
जमीनी हालात पर नजर डालें तो गांवों में विकास और रोजगार जैसे मुद्दों पर चर्चा जरूर है, पर जातीय समीकरण अभी भी निर्णायक भूमिका में हैं। आरा-सासाराम रोड पर कसाप गांव में सड़क किनारे पान दुकान पर चुनाव को लेकर हो रही गपशप में भी यही बात निकलती है।
सुरेश यादव कहते हैं, विधायक जी हमलोगों के सुखदुख में रहते हैं, हर रविवार को जनता दरबार लगा जरूरतमंदों की मदद भी करते हैं। पास खड़े मुन्नी यादव भी उनकी बातों पर हामी भरते हैं, लेकिन साथ ही ठेठ भोजपुरी में यह भी कहते हैं, 'मेहरारू सबन के 10 हजार रूपिया (महिला रोजगार सम्मान योजना की राशि) मिलल बा, ऊ केकरों कहे में नइखे बाड़े, आपन मने से वोट दीहें'।
वहीं पर खड़े युवा अमित कुमार मुन्ना ने अलग ही राय दी। उन्होंने कहा, रोजगार और विकास मुद्दा है और सरकार अच्छा काम कर रही है, उन्हें नीतीश कुमार और मोदी जी पर भरोसा है। क्षेत्र में स्थानीय मुद्दे भी हावी हैं।
अजीमाबाद के रास्ते में मिले भोला शरण और अरुण सिंह ने कहा वे लोग बालू खनन वाले क्षेत्र में हैं और इससे सरकार को राजस्व मिलता है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों का सुकून छिन गया है, बालू लदे ट्रकों से रोज जाम का सामना होता है, यह बड़ा मुद्दा है, इसी सरकार से बेहतर की उम्मीद है।
संदेश प्रखंड कार्यालय के पास मिले चंदेश्वर सिंह बताते हैं कि पिछले चुनावों की तरह इस बार राजग में मतों में बिखराव नहीं दिख रहा, हालांकि जनसुराज भी समीकरण भेदने के प्रयास में है। समीकरण बचाने की चुनौती राजद में भी है। अगिआंव के प्रखंड प्रमुख निर्दलीय मैदान में हैं। यदुवंशी समाज में उनकी गहरी पैठ है।
संदेश में पिछले दो चुनावों का परिदृश्य
2015 में राजद ने भाजपा से यह सीट छीनी थी। तब राजद-जदयू साथ थे और राजद के अरुण यादव ने कुल पड़े मतों में 49.79 प्रतिशत वोट हासिल कर बड़े अंतर से जीत दर्ज की। 2020 के चुनाव में पार्टी ने उनकी पत्नी किरण देवी को उम्मीदवार बनाया और उन्हें कुल पड़े वोट में से 51.54 प्रतिशत वोट मिले।
इस चुनाव में एनडीए से जदयू प्रत्याशी पूर्व विधायक बिजेंद्र यादव थे और महज 18.77 प्रतिशत वोट हासिल कर सके। इतने ही वोट लोजपा(रा.) की प्रत्याशी को भी मिले। इस बार जदयू ने यहां से विधान पार्षद राधाचरण साह को मैदान में उतारा है, जबकि राजद की ओर से वर्तमान विधायक के पुत्र चुनाव लड़ रहे हैं।
क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति
संदेश विधानसभा क्षेत्र में संदेश प्रखंड के अलावा उदवंतनगर प्रखंड और कोईलवर प्रखंड अंतर्गत नगर पंचायत एवं कुल्हड़िया, सकड्डी, धनडीहां, भदवर, नरवीरपु, खनगांव, गोपालपुर, जलपुरा तापा एवं जोगता पंचायत आते हैं।
क्षेत्र में कुल वोटर
- पुरुष वोटर- 1,54,80
- महिला वोटर- 1,39,240
- थर्ड जेंडार- 01
- कुल वोटर- 2,94,047
पिछले तीन विधानसभा चुनावों में वोटिंग प्रतिशत
- 2010- 52.79%
- 2015- 56.16%
- 2020-52.96%

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