भोजपुर में हत्या कांड में समय पर आरोप पत्र दाखिल नहीं करने पर थानाध्यक्ष निलंबित
15 मई 2025 को अगिआंव बाजार थाना क्षेत्र के अमेहता गांव में भूमि विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था। विवाद के दौरान प्रभाशंकर तिवारी की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद मृतक की पत्नी सुनीता देवी ने गांव के ही पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जागरण संवाददाता, आरा(भोजपुर)। भोजपुर पुलिस कप्तान राज ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अगिआंव बाजार थानाध्यक्ष अर्चना कुमारी को निलंबित कर दिया है। हत्या के मामले में निर्धारित समय पर आरोप पत्र दाखिल नहीं करने और इसके कारण गिरफ्तार आरोपित को कानूनी लाभ मिलने को गंभीर लापरवाही मानते हुए यह कदम उठाया गया है। फिलहाल अगिआंव बाजार थाना का प्रभार किसे दिया जाएगा, इसका निर्णय शीघ्र लिया जाएगा।
बताया जाता है कि 15 मई 2025 को अगिआंव बाजार थाना क्षेत्र के अमेहता गांव में भूमि विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हुआ था। विवाद के दौरान प्रभाशंकर तिवारी की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद मृतक की पत्नी सुनीता देवी ने गांव के ही पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नामजद आरोपितों में से एक महिला आरोपित निभा तिवारी उर्फ धीरज तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही थी।
नियम के अनुसार, हत्या जैसे गंभीर मामलों में पुलिस को निर्धारित समय सीमा के भीतर अदालत में आरोप पत्र दाखिल करना होता है, ताकि अभियुक्त को जमानत या कानूनी लाभ न मिल सके। लेकिन थानाध्यक्ष सह अनुसंधानकर्ता (आईओ) अर्चना कुमारी ने समय रहते आरोप पत्र दाखिल नहीं किया। इसके चलते अभियुक्त को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 का लाभ मिल गया।
जैसे ही यह मामला पुलिस कप्तान राज के संज्ञान में आया, उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए तत्काल प्रभाव से थानाध्यक्ष अर्चना कुमारी को निलंबित कर दिया। एसपी ने स्पष्ट कहा है कि अपराध नियंत्रण के साथ-साथ न्यायिक प्रक्रिया को समय पर पूरा करना पुलिस की पहली जिम्मेदारी है। इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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