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    बिहार के विकास की नई राह खोलेगा बक्सर का तीसरा गंगा पुल, वाराणसी और लखनऊ का सफर होगा आसान

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 11:55 AM (IST)

    बक्सर में गंगा पर बनने वाला तीसरा पुल बिहार के विकास को नई दिशा देगा। इस पुल के बन जाने से पटना से वाराणसी और लखनऊ का सफर आसान हो जाएगा। यह पुल बिहार ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बक्सर। जिले में गंगा नदी पर निर्माणाधीन तीसरे पुल का कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है, जो राज्य की यातायात जटिलताओं को दूर करने और आर्थिक विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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    सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हेलीकाप्टर से इस पुल का हवाई निरीक्षण किया, जिसमें उन्होंने निर्माण प्रगति पर संतुष्टि जताई और अधिकारियों को कार्य को और तेज करने का निर्देश दिया।

    सीएम ने कहा कि यह पुल न केवल बक्सर-पटना राजमार्ग (एनएच-922) को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा, बल्कि दिल्ली-वाराणसी-पटना कारिडोर में लाजिस्टिक्स को सुगम बनाकर व्यापार और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

    यह निरीक्षण नवानगर औद्योगिक क्षेत्र के दौरे के दौरान किया गया, जहां सीएम ने वरुण बेवरेजेस, भारत प्लस एथेनाल और एसएलएमजी बेवरेजेस इकाइयों का भी जायजा लिया।

    इस पुल की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, क्योंकि मौजूदा दोनों पुलों पर बढ़ते वाहनों का बोझ यातायात को अव्यवस्थित बना रहा है। बक्सर में हाल के महीनों में बाजार सड़कों और मुख्य मार्गों पर भीड़भाड़ इतनी बढ़ गई है कि स्थानीय व्यापारी और निवासी परेशान हैं।

    पटना से वाराणसी और लखनऊ का सफर होगा आसान

    यह नया पुल बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच सीधी संपर्कता सुनिश्चित करेगा, जिससे पटना से वाराणसी और लखनऊ तक यात्रा समय में कमी आएगी। निर्माण एजेंसी का मानना है कि स्थिर नदी स्तर के कारण आगामी महीनों में कार्य और तेज होगा, जो क्षेत्रीय विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

    स्थानीय निवासी संतोष कुमार ठाकुर जैसे लोग इसे एक परिवर्तनकारी परियोजना मानते हैं, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश और बक्सर के विकास परिदृश्य को बदल देगी। इस पुल को एलिवेटेड रोड के जरिए बलिया-गाजीपुर ग्रीनफील्ड हाइवे के फोरलेन भरौली स्पर से जोड़ा जाएगा।

    यह स्पर लगभग बन चला है। इस फोरलेन स्पर के माध्यम से करीब 16-17 किलोमीटर की दूरी तय करते ही वाहन नए ग्रीनफील्ड बलिया-गाजीपुर हाइवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी सीधे जुड़ जाएगा। इसके लिए गाजीपुर जिले के हैदरिया में इंटरचेंज प्वाइंट बनाया जा रहा है।

    3.2 किलोमीटर लंबाई में होगा निर्माण

    तकनीकी दृष्टि से यह पुल आधुनिक इंजीनियरिंग का नमूना है, जिसमें 3.2 किलोमीटर की कुल लंबाई है। इसमें 1.2 किलोमीटर का मुख्य पुल वीर कुंवर सिंह सेतु के पश्चिमी हिस्से में और दो किलोमीटर का एलिवेटेड रोड और इससे जुड़ा रोटरी शामिल है। यह तीन-लेन वाला पुल 40 मजबूत खंभों पर टिका होगा, जिनमें से आठ गंगा की मुख्य धारा में और 32 दोनों तटों पर होंगे।

    पहला खंभा (पी-1) बक्सर पक्ष पर और अंतिम (पी-40) भरौली, बलिया, उत्तर प्रदेश की तरफ स्थापित किया जाएगा। निर्माण कंपनी एएससी इंफ्राटेक ने मिट्टी परीक्षण के लिए 170 फीट गहराई तक बोरिंग की थी। केंद्रीय भू-तकनीकी रिपोर्ट की मंजूरी के बाद मुख्य कार्य शुरू हो चुका है।

    दीपावली से ठीक पहले निर्माण एजेंसी ने उत्तर प्रदेश छोर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। योजना की अनुमानित अवधि 910 दिन है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा संचालित यह परियोजना हाइब्रिड एन्युटी मोड में विकसित हो रही है।

    यह पुल 2024 के केंद्रीय बजट में घोषित हुआ था, लेकिन तकनीकी चुनौतियों के कारण डीपीआर और टेंडर दो बार रद्द हो गए। तीसरी कोशिश सफल रही और नौ जनवरी 2025 को कार्य आदेश जारी हुआ।

    • 3.2 किलोमीटर लंबाई
    • 1.2 किमी लंबा होगा मुख्य पुल
    • 02 किलोमीटर होगा अप्रोच और रोटरी
    • 03 लेन का होगा नया पुल
    • 40 होगी खंभों की संख्या (8 नदी में, 32 तटों पर)
    • ₹368 करोड़ रुपए के करीब लागत
    • 910 दिन है निर्माण अवधि