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    बक्सर के ब्रह्मपुर में बिना सर्वे–सुनवाई लागू हुआ होल्डिंग टैक्स ... जनता पर तीन साल का बोझ, नियमों की उड़ाई गई धज्जियां

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 03:06 PM (IST)

    बक्सर के ब्रह्मपुर में बिना सर्वे और सुनवाई के होल्डिंग टैक्स  लागू कर दिया गया है। जनता पर तीन साल का अतिरिक्त बोझ डाला गया है, जिससे नियमों का उल्लं ...और पढ़ें

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    जनता पर तीन साल का बोझ

    संवाद सहयोगी, ब्रह्मपुर (बक्सर)। नगर पंचायत ब्रह्मपुर में होल्डिंग टैक्स  को लेकर विभागीय अधिकारियों की मनमानी अब खुले तौर पर सामने आने लगी है। लगभग तीन वर्षों से लंबित पड़े होल्डिंग टैक्स निर्धारण को बिना किसी सर्वे, जनसुनवाई या आपत्ति-सुझाव की प्रक्रिया अपनाए ही लागू कर दिया गया। इतना ही नहीं, अचानक जारी आदेश में लोगों को तीन वर्षों का बकाया टैक्स भी एक साथ जमा करने का फरमान सुना दिया गया, जिससे स्थानीय लोग हैरान और नाराज हैं।

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    ग्रामीण माहौल वाले ब्रह्मपुर नगर पंचायत में शहरी विकास का स्वरूप न के बराबर दिखने के बावजूद भारीभरकम टैक्स लागू कर दिया गया है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि आज तक उन्हें न तो टैक्स प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई और न ही आम सभा बुलाकर योजनाओं से अवगत कराया गया।

    कई लोग यह भी नहीं जानते कि होल्डिंग टैक्स किस आधार पर, किस दर से और किन सड़कों या मोहल्लों के लिए निर्धारित किया गया है।

    बताया जाता है कि विभाग ने जल्दबाजी में नियम-कानून की अनदेखी करते हुए बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव तो पारित करा लिया, लेकिन उसके बाद अनिवार्य जनसुनवाई प्रक्रिया को पूरी तरह दरकिनार कर दिया।

    न अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया और न ही लोगों की राय या आपत्तियाँ दर्ज की गईं।

    नागरिक मंच के नागेंद्र मोहन सिंह ने बताया कि कर निर्धारण में वाणिज्यिक, आवासीय और परती भूमि सभी के लिए सबसे अधिक रेट तय कर दिया गया है, वह भी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखे बिना। इससे क्षेत्र में आक्रोश बढ़ गया है।

    होल्डिंग टैक्स निर्धारण में सड़कों के वर्गीकरण को लेकर भी मनमानी का आरोप लगाया जा रहा है। नगर पंचायत ने प्रधान मुख्य सड़क पर वाणिज्यिक के लिए 22 रुपये, अन्य के लिए 14 रुपये और आवासीय के लिए 7 रुपये प्रति वर्ग फीट टैक्स तय किया है।

    परती भूमि पर भी टैक्स लगाया गया है, जिसकी जानकारी स्थानीय जनता को पहले कभी नहीं दी गई।

    इस संबंध में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी शिव शक्ति कुमार ने कहा कि “होल्डिंग टैक्स का निर्धारण पूर्व के अधिकारी द्वारा ही किया गया है।

    विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप टैक्स राशि तय की गई है और बोर्ड द्वारा इसे पारित भी किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 से टैक्स जमा करना है।”

    स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बिना जनभागीदारी और पारदर्शिता के लागू किया गया यह टैक्स उनके लिए अतिरिक्त बोझ है और प्रशासन को प्रक्रिया की समीक्षा करनी चाहिए।