Ganga Water Lavel: उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों को अभी नहीं मिलेगी बाढ़ से राहत, सामने आई बड़ी वजह
मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ गया है जिससे उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। बक्सर में गंगा खतरे के निशान के करीब है जिससे कई इलाकों में पानी भर गया है। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है लेकिन मौसम की अनिश्चितता के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

जागरण संवाददाता, बक्सर। मध्य प्रदेश से आने वाली सहायक नदियों में भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। इसका असर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से लेकर बंगाल की खाड़ी तक देखा जा रहा है।
इस बाढ़ ने भारत और बांग्लादेश दोनों को प्रभावित किया है। भारत में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया और बिहार के बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया और भागलपुर जिले बाढ़ की चपेट में हैं।
अपस्ट्रीम में गंगा की स्थिति
गंगा के अपस्ट्रीम क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर है। गाजीपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर है और 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। वाराणसी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
मिर्जापुर में भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जहां जलस्तर में 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की वृद्धि दर्ज की जा रही है। प्रयागराज में गंगा और यमुना के संगम पर स्थित इलाहाबाद जलस्तर मापक केंद्र पर सुबह 10:00 बजे के आंकड़ों के अनुसार, जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है। प्रयागराज के अन्य दो केंद्रों, फाफामऊ और प्रयागराज में भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
गंगा और यमुना में बाढ़ का कारण....
बिहार में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की संभावना
गंगा के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। बिहार में, नदी का पानी मैदानी इलाकों में फैल रहा है, जिससे जलस्तर में वृद्धि की गति कम हो सकती है, लेकिन यह प्रक्रिया जारी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में बिहार और उत्तर प्रदेश के निचले इलाकों में बाढ़ से राहत मिलने की संभावना कम है।
राहत की उम्मीद, लेकिन चुनौतियां बरकरार
राहत की बात यह है कि यमुना की सहायक नदियों केन और बेतवा में जलस्तर का दबाव धीरे-धीरे कम हो रहा है। अगर अगले कुछ घंटों में मध्य प्रदेश में भारी बारिश नहीं हुई, तो अगले दो-तीन दिनों में बिहार और उत्तर प्रदेश के निचले इलाकों में स्थिति में सुधार हो सकता है। हालाँकि, अगर अगले 24 से 48 घंटों में केन और बेतवा के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश होती है, तो बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है।
प्रशासनिक तैयारियां और चेतावनी
स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित कर दिए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का काम शुरू कर दिया है। बक्सर और अन्य प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। लोगों को नदी-नालों के किनारे न जाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने भी अगले 48 घंटों तक मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते बाढ़ की स्थिति पर नज़र रखने की ज़रूरत है।
बक्सर जिले में गंगा नदी खतरे के निशान के करीब
बिहार के बक्सर ज़िले में गंगा नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है और अगले आधे से एक घंटे में इसके ख़तरे के निशान को पार करने की संभावना है। सुबह 10:00 बजे तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 2 सेमी नीचे है और 1 सेमी प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा है। इस बढ़ते जलस्तर ने जिला मुख्यालय के रामरेखा घाट को पूरी तरह से जलमग्न कर दिया है, वहीं ताड़का नाले के आसपास बने घरों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है।
बक्सर में बाढ़ का व्यापक प्रभाव
बक्सर जिले के कई प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। ठोरा और कर्मनाशा नदियों के माध्यम से चौसा और इटहरी प्रखंडों के इलाकों में बाढ़ का पानी फैल रहा है। सदर प्रखंड के तटवर्ती गाँव भी प्रभावित हैं। सिमरी प्रखंड में बक्सर-कोइलवर तटबंध के उत्तर की ओर स्थित बस्तियां धीरे-धीरे बाढ़ के पानी से घिर रही हैं। इसके अलावा चक्की और ब्रह्मपुर प्रखंडों में भी बाढ़ का असर देखा जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन बढ़ते जलस्तर के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
प्रभावित इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त
गंगा और यमुना नदियों का बढ़ता जलस्तर बक्सर समेत कई जिलों के लिए गंभीर चुनौती बन रहा है। प्रभावित इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस संकट से निपटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मौसम की अनिश्चितता और बढ़ते जलस्तर के कारण स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। बाढ़ की स्थिति कितनी गंभीर होगी, यह अगले कुछ दिनों में मौसम और नदियों के जलस्तर पर निर्भर करेगा।
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