बिहार के लोगों के लिए गुड न्यूज, इस जिले में जल्द बिजली घर का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
बिहार के बक्सर में बन रहे ताप बिजली घर का उद्घाटन जल्द होगा। प्रधानमंत्री मोदी 22 अगस्त को इसका उद्घाटन कर सकते हैं। 1320 मेगावाट की इस परियोजना से बिहार की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी। परियोजना की लागत बढ़कर 14390 करोड़ रुपये हो गई है। उत्पादित बिजली का 85% बिहार को मिलेगा। कोविड और किसान आंदोलन के कारण परियोजना में देरी हुई।

शुभ नारायण पाठक, बक्सर। बिहार की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में बेहद अहम परियोजना बक्सर ताप बिजली घर का उद्घाटन जल्द ही होगा। 22 अगस्त को गया दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1320 मेगावाट की इस परियोजना का उद्घाटन कर सकते हैं।
उन्होंने ही नौ मार्च 2019 को इस परियोजना का शिलान्यास किया था। इसके उद्घाटन के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। हालांकि, इससे जुड़ी आधिकारिक घोषणा होना अभी शेष है। सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित इस परियोजना की पहली यूनिट का परीक्षण लगातार चल रहा है और इसकी चिमनी लगातार ही धुआं उगलते देखी जा रही है।
परियोजना की पहली यूनिट को जून 2023 और दूसरी यूनिट को अक्टूबर 2023 में ही कमीशन करने का लक्ष्य था। केंद्रीय सांख्यिकी एवं परियोजना निगरानी विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार निर्माण पूरा होने में देरी के कारण इस परियोजना की अनुमानित लागत 10439.09 करोड़ रुपये से बढ़कर 14390 करोड़ हो गयी है।
शुरुआत में परियोजना से जुड़ी 660 मेगावाट की पहली यूनिट को चालू किया जाएगा और बाद में इतनी ही क्षमता की दूसरी यूनिट को। कुछ दिनों पहले ही आखिरी बाधा का निदान करते हुए परियोजना के लिए कोयला आपूर्ति शुरू हो गयी है। इससे पहले गंगा का पानी भी पाइपलाइन के जरिए परिसर तक पहुंच चुका है।
परियोजना की उत्पादन इकाई के पूरी तरह कार्यशील होने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है। परियोजना से उत्पादित होने वाली 85 प्रतिशत बिजली बिहार को मिलेगी।
इस परियोजना का स्वामित्व केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार की संयुक्त स्वामित्व वाली कंपनी सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) की शत प्रतिशत साझेदारी वाली कंपनी एसजेवीएन थर्मल पावर लिमिटेड (एसटीपीएल) के पास है।
कोविड और किसान आंदोलन की वजह से देरी
परियोजना के क्रियान्वयन में दो साल से भी अधिक की देरी पहले ही हो चुकी है। इसके पीछे कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन और किसान आंदोलन प्रमुख वजह रही।
किसान आंदोलन के कारण ही परियोजना के लिए जल आपूर्ति मार्ग में बदलाव करना पड़ा और परिसर के अंदर तक कोयला आपूर्ति रेल लाइन का निर्माण स्थगित करना पड़ा। फिलहाल कोयला को चौसा रेलवे स्टेशन के पास स्थित रैक प्वाइंट से ट्रकों के जरिए परियोजना के अंदर पहुंचाया जा रहा है।
800 मेगावाट की तीसरी यूनिट के लिए भी है तैयारी
इसी परिसर में 800 मेगावाट की तीसरी ताप बिजली उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए एसजेवीएन ने योजना बना ली है। मौजूदा दोनों यूनिटों के कार्यशील होने के बाद इसी परिसर में तीसरी यूनिट स्थापित करने की दिशा में कंपनी आगे बढ़ेगी। इसके लिए केंद्र सरकार के स्तर से शुरुआती सहमति मिल चुकी है।
प्रमुख तारीखें
- 17.01.2013 को एसजेवीएन और बिहार पावर होल्डिंग कंपनी के बीच करार
- 04.07.2013 को एसजेवीएन ने बक्सर बिजली कंपनी प्रा. लिमिटेड का अधिग्रहण किया
- 17.10.2013 को कंपनी का नाम बदलकर एसजेवीएन थर्मल पावर लिमिटेड किया गया
- 12.12.2017 को परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी
- 11.07.2018 उत्पादित होने वाली बिजली को ग्रिड तक भेजने के लिए 33 केवी लाइन का निर्माण पूरा
- 09.03.2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी परियोजना की आधारशिला
- 09.04.2021 को एसटीपीएल तथा बीएसपीएचसीएल के मध्य पीपीए (सप्लीमेंट्री एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर
प्रमुख तथ्य
- 9828 मिलियन यूनिट बिजली का होगा वार्षिक उत्पादन
- 4.19 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली खरीदेगी बिहार सरकार
- 1058 एकड़ भूमि पर हुआ है मुख्य परिसर का निर्माण
- 1320 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
- 660 मेगावाट क्षमता की दो यूनिटों का हुआ है निर्माण
- 14390 करोड़ रुपए हो चुकी है परियोजना की अनुमानित लागत
- 10439.09 करोड़ रुपए थी परियोजना की शुरुआती अनुमानित लागत
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