Chhath Puja Kab Hai 2025: नहाय-खाय के साथ शुरू होगा 4 दिवसीय छठ पर्व, जानिए सही तिथि
दीपावली के बाद श्रद्धालु छठ पूजा की तैयारियों में जुट गए हैं। 25 अक्टूबर से नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू होगा। बाजारों में रौनक बढ़ गई है, लोग फल, पूजन सामग्री खरीदने में व्यस्त हैं। छठ पर्व के लिए परदेसी घर लौट रहे हैं। छठ गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया है। 27 अक्टूबर को अस्त होते और 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

नहाय-खाय के साथ शुरू होगा 4 दिवसीय छठ पर्व
जागरण टीम, दरभंगा। दीपावली पर्व के बाद श्रद्धालु अब लोक आस्था का महापर्व छठ की तैयारी में जुट गए हैं। 25 अक्टूबर से नहाय-खाय के साथ छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू हो रहा है। नदी एवं तालाब पर होने वाले पूजन को लेकर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसको लेकर प्रशासन भी सतर्क हो गया है। पर्व को लेकर बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है।
दुकानदार पर्व के मद्देनजर फल, पूजन सामग्री, मिट्टी के बर्तन आदि सामानों का भंडारण करने लगे हैं। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर अस्थायी दुकानें सज चुकी हैं। कमतौल, बेनीपुर, सिंहवाड़ा, बहादुरपुर, केवटी आदि जगहों के बाजार में बांस से बने सूप व डलिया खरीदने के लिए खरीदारों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।
इसके अलावा, महिलाओं द्वारा मिट्टी के चूल्हे तैयार किए जा रहे हैं। इस बार छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर से नहाय खाय से होगी। इस दिन महिलाएं नदी, तालाब या घर में पूरी पवित्रता के साथ नाखून काटकर स्नान करेंगी और उसके बाद शाकाहारी भोजन ग्रहण करेंगी।
पर्व के दूसरे दिन 26 अक्टूबर को खरना पर महिलाएं पूरे दिन व्रत रखेंगी। शाम को चौके में नया चूल्हा स्थापित करेंगी। गन्ने के रस या गुड़ में बने हुए चावल की खीर को प्रसाद के रूप में खाएंगी। 27 अक्टूबर को व्रती महिलाएं अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देंगी। 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं उपवास तोड़कर पारण करेंगी।
घर लौटने लगे परदेसी
हिंदुओं का महान पर्व छठ को लेकर परदेसी अपने-अपने घर आने लगे हैं। जिले के लोग रोजी-रोटी की तलाश में अन्य प्रदेशों में निजी व सरकारी नौकरी करते हैं, लेकिन कार्तिक माह में मनाए जाने वाला सूर्योपासना का व्रत छठ में शरीक होने के लिए वाहनों में अधिक भीड़ देखने को मिल रही है। यात्री वाहनों में लोग खड़े होकर आने को मजबूर हैं। दिल्ली, आंध्र प्रदेश, मुंबई, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों ने बताया कि वे प्रत्येक वर्ष छठ पूजा में अपने घर आते हैं।
हर तरफ गूंज रहे छठ गीत
लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर चारों ओर गूंज रहे छठ गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया है। इन गीतों में जहां कई गीत पारंपरिक हैं तो कई नए-पुराने गीतकारों द्वारा लिखे गीत हैं। इन गीतों के चर्चित वरिष्ठ गायक-गायिकाओं के अलावा नवोदित बाल कलाकारों ने भी आवाज दी है। कर्णप्रिय धुन व सुरीली आवाज के कारण ये गीत लोगों को काफी प्रभावित कर रहे हैं।
छठ के गीतों में ''काच ही बांस के बहंगिया.'',''नारियलवा जे फरेला.'',''कातिक के छठ के बरतिया.'',''ए छठी मईया.'',''हे दीना नाथ.'',''केलवा के पात पर.'',''उठउ सूरज भइले बिहान.'', आदि गीतों से पूरा वातावरण गूंज रहा है।
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