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    Darbhanga News : क्या डेंगू को खुली छूट दे रहा डीएमसीएच, डेंगू वार्ड के बाहर ही जलजमाव

    By Mrityunjay Bhardwaj Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Sun, 16 Nov 2025 07:37 PM (IST)

    दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल (डीएमसीएच) में जलभराव से डेंगू का खतरा बढ़ गया है। डेंगू वार्ड के बाहर ही जलजमाव और गंदगी है, जिससे मच्छर पनप रहे हैं। अस्पताल में बेड की कमी और संकीर्ण रास्तों के कारण मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रशासन से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है ताकि मरीजों को राहत मिल सके और डेंगू के प्रकोप को रोका जा सके।

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    जलजमाव की समस्या बनी मरीजों व स्वजन के लिए घातक। जागरण

    संवाद सहयोगी, दरभंगा। दरभंगा मेडिकल कालेज और अस्पताल (डीएमसीएच) में जलजमाव से डेंगू का खतरा बढ़ गया है। उतर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। खासकर डेंगू के खतरे को देखते हुए यह स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है।

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    डीएमसीएच के मेडिसिन वार्ड परिसर में स्थित डेंगू वार्ड और जनसेवा वार्ड के सामने लगातार जलजमाव की समस्या बनी हुई है। यहां पर बरखा एवं नाली का गंदा पानी जमा रहता है, जिसमें मच्छर पनपते हैं। शाम होते ही इस पानी से निकलने वाले मच्छरों का प्रकोप शुरू हो जाता है।

    अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों और उनके स्वजनों के लिए यह बेहद खतरनाक स्थिति बन गई है। औषधि विभाग के परिसर में बने डेंगू वार्ड के बाहर ही डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का पनपना और जलजमाव की समस्या इस बात का संकेत है कि अस्पताल में पर्याप्त सफाई और व्यवस्थाओं का अभाव है।

    इससे डेंगू का प्रकोप पूरे जिले में फैलने का खतरा बढ़ सकता है, जो स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बड़ा संकट पैदा कर सकता है। इसके अलावा, अस्पताल के अन्य विभागों में भी गंभीर समस्याएं देखी जा रही हैं।

    डीएमसीएच के कई वार्डों में जैसे औषधि विभाग,आर्थो विभाग में बेड की भारी कमी हो गई है साथ ही औषधि विभाग के पीछे पूरब की तरफ घने जंगल टूटी-फूटी दीवारें हैं। अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण भारी दबाव में काम कर रहे हैं।


    कई मरीजों को फर्श पर लेटा के इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जबकि कुछ को सही इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। यह स्थिति अस्पताल की लापरवाही और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के ढहते ढांचे को बयां करती है। अस्पताल के भीतर एक और गंभीर समस्या सामने आई है, और वह है संकीर्ण रास्ते और जाम की स्थिति।

    इमरजेंसी चौक से न्यू सर्जिकल बिल्डिंग और एमसीएच जाने वाला मार्ग काफी संकीर्ण और घना है, जिससे एंबुलेंस में यात्रा कर रहे गंभीर मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
    इस मार्ग पर अक्सर अतिक्रमण की स्थिति बनी रहती है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों के लिए अस्पताल में प्रवेश करना और इलाज के लिए पहुंचना और भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, अस्पताल के इस मार्ग पर जलजमाव के कारण रास्ते और भी बाधित हो जाते हैं, और इस कारण एंबुलेंस और मरीजों के लिए रास्ता पार करना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

    कई बार गंभीर मरीज एंबुलेंस में ही घंटों फंसे रहते हैं। इस पूरे मामले पर स्थानीय लोगों में नौशाद खान का कहना है कि अस्पताल के हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। एक तरफ जहां डेंगू का खतरा बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन की ओर से इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

    लोगों का कहना है कि यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है, और इनकी वजह से कई बार गंभीर मरीजों की स्थिति बिगड़ जाती है। वहीं, मरीजों और उनके परिजनों के लिए अस्पताल के भीतर और आसपास की स्थिति बेहद असहज बनी हुई है। यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो न यह केवल मरीजों की स्वास्थ्य की स्थिति को और बिगाड़ सकता है, बल्कि यह उतरी बिहार की सबसे बड़ा अस्पताल डीएमसीएच स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक बड़ा संकट भी बन सकता है।