Updated: Wed, 27 Aug 2025 02:50 PM (IST)
दरभंगा जिले के 12 पैक्सों ने धान खरीद के बदले चावल जमा नहीं किया जिसके कारण उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने इन पैक्सों को नोटिस जारी कर बकाया राशि जमा करने का आदेश दिया है। 12 पैक्सों पर 922.513 टन चावल बकाया है जिसके चलते दो पैक्स अध्यक्षों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। सहकारी बैंक के 16 करोड़ रुपये फंसने की आशंका है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। 10 अगस्त तक निर्धारित अवधि बीत चुकी है, लेकिन जिले के 12 पैक्सों द्वारा खरीदा गया धान के बदले सौ प्रतिशत चावल जमा नहीं कराया गया। ऐसे में पैक्सों को अब डिफॉल्टर घोषित करते हुए जिला प्रशासन ने नोटिस देकर एक सप्ताह में राशि बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड में जमा करने का निर्देश दिया है।
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इसके पहले डीएम कौशल कुमार ने कई बैठकों में बकाया चावल रखने वाले पैक्स अध्यक्षों को चेतावनी दी थी। कहा गया था कि चावल जमा न करने पर गबन मानकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
जिला सहकारिता पदाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि 12 पैक्सों पर 16.697 लाट बकाया है यानी 922.513 टन चावल बकाया है। डीएम के निर्देश पर मनीगाछी प्रखंड के माउंबेहट और बेनीपुर प्रखंड के तरौनी पैक्स अध्यक्ष के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी के साथ ही सर्टिफिकेट केस किया जाएगा।
मिलर व कार्यकारिणी समिति के सदस्यों को भी नोटिस दिया जाएगा। बकायेदार में अलीनगर प्रखंड का मोतीपुर, दरभंगा सदर के धोई, हायाघाट के आनंदपुर सहोड़ा व मलहीपट्टी उत्तरी, कुशेश्वरस्थान के पाखी झझरा, मनीगाछी के माउंबेहट, गौड़ा बौराम के बौराम, केवटी के पैगम्बरपुर, बेनीपुर के तरौनी व पोहद्दी पश्चिमी और सिंहवाड़ा प्रखंड के शंकरपुर पैक्स ने निर्धारित धान खरीद के आलोक में सीएमआर की आपूर्ति नहीं की है।
इन 12 पैक्सों ने किसानों से 3002.394 टन धान का क्रय किया। इसके आलोक में इन पैक्सों को 2087.387 टन चावल राज्य खाद्य निगम को लौटाना था, लेकिन निर्धारित अवधि तक 1624 टन चावल ही राज्य खाद्य निगम में इन 12 समितियों द्वारा जमा किया जा सका है। दरभंगा में एक बार फिर से चावल घोटाले की आशंका जताई जा रही है।
कॉपरेटिव बैंक के फंस सकता हैं 16 करोड़:
बिहार सहकारिता बैंक लिमिटेड का बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है। बैंक द्वारा धान क्रय के लिए पैक्सों को दी गई अग्रिम राशि भी डूब सकती है। बैंक द्वारा प्रति लाट धान क्रय करने के लिए 9.5 लाख का क्रेडिट लोन दिया गया था। करीब 16 लाट चावल बकाया रहने पर करीब लगभग 16 करोड़ रुपये पैक्सों के पास बैंक का पैसा अटका गया है।
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