Ex DEO Rajnikant: दरभंगा में भी रहे थे रजनीकांत, अर्जित की थी अकूत संपत्ति; अब धीरे-धीरे खुल रह परतें
भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद बेतिया के पूर्व डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने दरभंगा में भी संपत्ति अर्जित की। सर्व शिक्षा अभियान में तैनाती के दौरान उन्होंने शिक्षकों के तबादलों और पदोन्नति में अनियमितताएं कीं। जांच के बाद उनका स्थानांतरण कर दिया गया। उनकी पत्नी द्वारा संचालित स्कूल पर भी निगरानी विभाग ने छापा मारा था और पूछताछ की थी।

संवाद सहयोगी, दरभंगा। भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की सलाखों के पीछे दिन काट रहे बेतिया के तत्कालीन डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने दरभंगा में भी अकूत संपत्ति अर्जित की थी। 2014 में सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ के रूप में उन्हें हाथ खोलने का बहुत मौका नहीं मिला, लेकिन स्थापना का प्रभार मिलते ही दोनों हाथों से बटोरना शुरू कर दिया।
तेज तर्रार पदाधिकारी के रूप में अपनी छवि बनाने वाले रजनीकांत की दबंगता के चर्चे जिला मुख्यालय से निकल कर सुदूर किरतपुर के प्राथमिक विद्यालय तक पहुंच गई थी। विद्यालयों के निरीक्षण और शिक्षकों के निलंबन के नाम पर दरबार सजने लगा। तब दीप नारायण यादव डीईओ हुआ करते थे जो सेवानिवृत्ति के कगार पर थे।
जैसे अभी अपने केएन सदा हैं, इसलिए रजनीकांत की चलती थी। वह जो करते थे, डीईओ भी उसी को मान्यता देते थे। इसी बीच प्राथमिक शिक्षकों के स्नातक वेतनमान में प्रोन्नति की बारी आई। फिर क्या था। सारे नियम-कायदे शिथिल करते हुए तबादला और पदस्थापन का सौदा हुआ।
प्राथमिक शिक्षक कल्याण संघ के सचिव कमलेश यादव ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की। तत्कालीन डीएम ने तत्कालीन डीडीसी विवेकानंद झा की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर दिया। जांच समिति की अनुशंसा पर ही रजनीकांत प्रवीण का स्थानांतरण बिहार मुक्त शिक्षण एवं परीक्षण बोर्ड में किया गया था।
कई शिक्षक तो कहते हैं कि उसी कार्यकाल में अर्जित की गई अकूत संपत्ति से रजनीकांत ने फोरलेन के किनारे उस बहुमूल्य भूखंड का सौदा किया था जहां आज बिरला ओपन माइंड स्कूल को उनकी पत्नी संचालित कर रही है।
विशेष निगरानी इकाई ने उस स्कूल पर भी छापा मारा था। कागजात भी जब्त किए गए थे। निगरानी इकाई ने रिमांड अवधि में भी रजनीकांत से बिरला ओपन माइंड स्कूल में व्यय किए गए धन के स्रोत के संबंध में पूछताछ की थी।
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