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    आखिर ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बुक कहां अटकी? दरभंगा में आवेदक परेशान

    By Ratan Kumar Jha Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 10:34 PM (IST)

    दरभंगा में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बुक के लगभग 10 हजार मामले लंबित हैं, जिससे लोग परेशान हैं। परिवहन विभाग ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से वितरण के लिए पोस्ट ऑफिस से समझौता किया था, लेकिन सेवा विफल रही है। परिवहन कार्यालय का कहना है कि दस्तावेज भेजे जा चुके हैं, जबकि आवेदकों को ऑनलाइन सुविधा भी नहीं मिल रही है। जिला परिवहन पदाधिकारी ने मामले को देखने का आश्वासन दिया है।

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    परिवहन कार्यालय के काउंटर पर पहुंचे लोग। जागरण

    संवाद सहयोगी, दरभंगा । ड्राइविंग लाइसेंस एवं आरसी बुक लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिले में ऐसे के करीब 10 हजार मामले लंबित हैं। ऐसे लोग जिला परिवहन कार्यालय का चक्कर काटने को मजबूर हैं। हर रोज दर्जनों लोग बेचैन होकर परिवहन कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है।

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    स्पीड पोस्ट घर तक नहीं पहुंच रहा

    डाइविंग लाइसेंस और आरसी बुक को सीधे आवेदक के पत्ते पर पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से लालबाग पोस्ट आफिस के साथ एकरारनामा किया गया था लेकिन स्पीड पोस्ट घर तक नहीं पहुंच रहा है।इस बाबत पूछने पर परिवहन कार्यालय के कर्मचारी प्रियांशु कुमार ने बताया कि सभी लोगों की आरसी बुक और डाइविंग लाइसेंस पोस्ट आफिस को सितंबर माह में ही भेज दी गई है।

    आवेदकों को क्यों नहीं मिल रही है यह बात पोस्ट आफिस के लोग बताएंगे। कुछ वाहन मालिकों ने बताया कि परिवहन कार्यालय में आनलाइन की सुविधा भी नहीं मिल रही है।जब भी जाते हैं तो बताया जाता है कि कंप्यूटर का लिंक फेल है। यदि लिक ठीक रहता तो डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी बुक के लिए प्रयास किया जाता। इस बाबत पूछने पर जिला परिवहन पदाधिकारी रवि कुमार आर्या ने बताया कि इतने मामले पेंडिंग होने की जानकारी उनको नहीं है। इसको देखते हैं। इसमें आने वाली बाधा को दूर किया जाएगा।

    स्नातक मतदाताओं में भ्रम, कार्यालयों से लौट रहे मतदाता

    दरभंगा : विधान परिषद की दरभंगा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता आवेदन प्रपत्र कार्यालयों से लौटाए जा रहे हैं। समाचार पत्रों में प्रकाशित आवेदन तिथि विस्तार को पदाधिकारी महत्व नहीं दे रहे। इसके अलावा आवेदन पत्र के साथ संलग्न किए जाने स्वअभिप्रमाणित प्रमाण पत्रों को नहीं मानने से हजारों स्नातकों के उपर मतदाता बनने से वंचित होने का संकट उत्पन्न हो गया है।

    राजपत्रित पदाधिकारी अंक एवं प्रमाण पत्रों को सत्यापित करने से इंकार कर देते थे, तब विवशता में मतदाता ने स्वअभिप्रमाणित पत्र जमा किए थे। इस शर्त को हटाते हुए पदाधिकारियों को निर्देश जारी होना चाहिए कि मतदाताओं से 28 नवंबर तक प्रपत्र 18 स्वीकार किए जाएं।

    पूर्व शिक्षा पदाधिकारी डा संजय कुमार देव कन्हैया ने मंगलवार को प्रमंडलीय आयुक्त सह निर्वाचन पदाधिकारी से मिलकर उक्त आग्रह किया। कहा कि संबंधित पदाधिकारियों को प्रपत्र 18 स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए। अगर सूचना गलत प्रकाशित हुई है तो उसका खंडन आना चाहिए। ऐसे में तो आवेदक कार्यालय जाते रहेंगे और उन्हें वापस करने का क्रम चलता ही रह जाएगा।

    इतना ही नहीं आनलाइन आवेदन करने वालों को भी मतदाता बनने में बड़ी फजीहत झेलनी पड़ रही है। ऐसे आवेदकों शारीरिक रूप से मतदाता परिचय पत्र के साथ उपस्थित होने को कहा जा रहा है। उन्होंने आयुक्त से आग्रह किया कि कोई बेगूसराय का मतदाता मधुबनी में है तो उसे अपना मतदाता परिचय पत्र लेने बेगूसराय जाना पड़ेगा।फिर दरभंगा आना पड़ेगा। इसमें समय अलग बर्बाद होगा और वित्तीय बोझ भी बढ़ेगा।

    डा. कन्हैया ने इसके अलावा मतदाता बनने की राह में अन्य कठिनाईयों से भी आयुक्त को अवगत कराते हुए पूरी स्थिति सार्वजनिक करने का आग्रह किया है।