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    Lalit Narayan Mithila University : नामांकन शुल्क का खेल या गलती? कालेजों में वसूली पर उठने लगे सवाल

    By Mrityunjay Bhardwaj Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Sun, 16 Nov 2025 08:02 PM (IST)

    ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से जुड़े कालेजों में नामांकन शुल्क को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। छात्रों से निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली की जा रही है, जिससे उनमें आक्रोश है। छात्र संगठनों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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    कुलपति ने सभी प्रधानाचार्य को सख्त निर्देश दिया। जागरण

    जागरण संवाददात, दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन सभी संबद्ध कालेजों के प्रधानाचार्यों के साथ रविवार को कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने आनलाइन बैठक की।

    इसमें कुलपति ने सभी प्रधानाचार्य को सख्त निर्देश दिया कि राज्य सरकार और उच्च न्यायालय के आलोक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्र एवं सभी वर्ग के महिलाओं से नामांकन के समय किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लेना है। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि वर्ग का नियमित संचालन हो।

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    प्रधानाचार्य के अनुरोध पर यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक महाविद्यालय अब नियमित प्रतिवेदन अपराह्ण साढ़े तीन बजे से चार बजे के बीच विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराएंगे। पूर्व प्रेषित पत्र के हवाले से प्रत्येक महाविद्यालय को कहा गया कि अविलंब छात्र सुविधा केन्द्र की व्यवस्था करते हुए विश्वविद्यालय को अवगत कराएं। बैठक में भौतिक रूप से वित्तीय परामर्शी सह वित्त पदाधिकारी, कुलसचिव एवं अध्यक्ष छात्र कल्याण उपस्थित थे।

    बता दें कि सरकार और विश्वविद्यालय ने छात्राओं की शिक्षा का मुफ्त प्रबंध कर रखा है। इंटरमीडिएट स्तर तक तो सरकार के आदेश का पालन हो भी रहा है। लेकिन स्नातक स्तर में जाते ही नामांकन के लिए उनसे शुल्क के नाम पर इतनी अधिक राशि मांगी जा रही है, कि कई छात्राओं का पीजी प्रथम सेमेस्टर में नामांकन से पहले ही दम फूलने लगा है।

    गरीब और मध्यवर्ग की छात्राओं से तीन से साढ़े तीन हजार रुपये साइबर कैफे वाले मांग रहे हैं। छात्राएं जब इनकार करती हैं, तो कालेज का शुल्क चाट भी उन्हें दिखा दिया जाता है। शहर के सरकारी कालेजों में तो फिर भी खेल आदि मद में ही राशि ली जाती है।

    लेकिन संबद्ध कालेजों में सामान्य श्रेणी के छात्रों से जितना शुल्क लिया जा रहा है, उतना ही शुल्क छात्राओं से भी वसूला जा रहा है। इसमें भी संबद्ध कालेजों ने गजब का खेल किया है। उन्होंने शुल्क का चार्ट जो निकाला है, उसमें कहीं पर नहीं अंकित है कि यह शुल्क केवल छात्रों के लिए है, छात्राओं के लिए नहीं है। इसी आड़ में वह सब से एक समान शुल्क वसूल रहे हैं। चाहे वह छात्र हों या छात्राएं हों या किसी वर्ग के हों।