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    ध्वनि प्रदूषण के कारण बढ़ी सुनने से जुड़ी परेशानी, ईएनटी सर्जन ने ईयरफोन प्रयोग को लेकर किया सावधान

    By Rahul Kumar Gupta Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 06 Dec 2025 07:59 PM (IST)

    ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो सुनने की क्षमता को प्रभावित कर रही है। ईएनटी सर्जन ने चेतावनी दी है कि ईयरफोन का अत्यधिक प्रयोग कानों के लिए हानिक ...और पढ़ें

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    सम्मेलन में पूरे दिन व्याख्यान का दौर चलता रहा। जागरण

    संवाद सहयोगी, दरभंगा। Darbhanga News: 49वें बीजेएओआइसीओएन 2025 के दूसरे दिन ईएनटी विशेषज्ञों ने नवीन शोध, सर्जिकल तकनीक और क्लिनिकल अनुभवों पर विस्तृत चर्चा की। दिन की शुरुआत डॉ. राघव शरण ऑरेशन और एओटी स्टेट से हुई।

    जिनमें श्रवण प्रोसेसिंग, कॉक्लियर इंप्लांटेशन, हियरिंग इम्प्लांट्स तथा एंडोस्कोपिक तकनीकों पर महत्वपूर्ण प्रस्तुति दी। इंटरएक्टिव वीडियो सेशन में स्टेपेडोटोमी व जुवेनाइल पैपिलोमैटोसिस के प्रबंधन पर प्रस्तुति दी गई।

    इंवाइटेड टॉक्स में एंडोस्कोपिक सीएसएफ लीक रिपेयर, साइनोनैसल मैलिग्नेंसी, टिनिटस और पैराफैरिंजीयल ट्यूमर मैनेजमेंट पर विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। पीजी और कंसल्टेंट दोनों श्रेणियों में पोस्टर प्रेज़ेंटेशन सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण रहा, जिसमें शोध कार्यों का मूल्यांकन डा. ए.पी. सिंह पोस्टर अवार्ड के लिए किया गया।

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    शाम के सत्रों में एंडोस्कोपिक स्टेपेडोटोमी, साइलेंस टू साउंड और एंडऑरल ईयर सर्जरी पर व्याख्यान हुए। दिन का समापन गाला डिनर के साथ हुआ। शनिवार को सहायक प्राध्यापक ईएनटी सर्जन एमजीएम मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर से बातचीत के दौरान उनके द्वारा बताया गया की ध्वनि प्रदूषण पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ गया है।

    जिस कारण समय से पहले सुनने में समस्या बढ़ती जा रही है। ईयरफोन, ट्रैफिक, हांर्न, डीजे से 60 से ऊपर वाले को नहीं सुनना नहीं चाहिए। वहीं गला के संबंध में बताया कि तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए जिससे कैंसर होने का डर बना रहता है।

    सतर्कता बरतनी चाहिए। जैसे ही मुंह में छाला, मुंह से दुर्गंध आना, सफेद दाग, आवाज बदलना एक सप्ताह से ज्यादा होने पर कैंसर का लक्षण हो सकता है। नाक का एलर्जी जैसे छींक आना नाक से पानी गिरना। कान का बहना पर्दा में छेद हो जाता है गंदा पानी एवं गंदा तालाब में स्नान नहीं करना चाहिए वहां स्नान करने पर दूसरे के संपर्क में आने से भी यह बीमारी हो जाता है इसे लेकर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

    वहीं डाक्टर सत्येंद्र शर्मा विभागाध्यक्ष नालंदा मेडिकल कालेज,पटना ने बताया कि कान का इंफेक्शन गंभीर समस्या है। जिसका सक्सेस रेट 90 से 95% होता है। वहीं श्रवण दिव्यांग बच्चों के लिए कोकलियर इन प्लांट होता है। जिसका फंड मुख्यमंत्री रोगी कल्याण समिति से आता है। यह लगभग फ्री में हो जाता है। सेमिनार में सभी बाहर के आए हुए एक्स्ट्रा नालेज के लिए सेमिनार का आयोजन किया जाता है।