Lalit Narayan Mithila University: Darbhanga News : छह वर्षों से छात्र संघ चुनाव का इंतजार, विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल
Darbhanga News : दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव 6 साल से नहीं हुए हैं, जिससे छात्र परेशान हैं। छात्र अपनी समस्याओं को उठाने के लिए एक प्रतिनिधि की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन उदासीन है। हालांकि, प्रशासन ने चुनाव कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। छात्रों को चुनाव का इंतजार है।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के छात्रों को चुनाव का इंतजार। जागरण
जागरण संवाददाता, दरभंगा । (Kameshwar Singh Darbhanga Sanskrit University) ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की समस्याओं की लिस्ट लंबी होती जा रही है।
विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का कहना है कि विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली परेशान करने वाली है। समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ता है। छात्रों की मांग है कि समस्याओं से निपटने और महाविद्यालय व विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने विद्यार्थियों की मांगों को रखने के लिए एक प्रतिनिधि की जरूरत है।
दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों को उनका प्रतिनिधि देने को तैयार नहीं है। बता दें कि इसी वर्ष जुलाई माह में सावन की दूसरी सोमवारी पर छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार मेहता ने छात्र संघ चुनाव आयोजित करने के खुले संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि छात्र संघ सत्र 2025-26 के लिए कालेज और विश्वविद्यालय स्तर का चुनाव कराया जाएगा।
उन्होंने इसकी संभावित तिथि छह अक्टूबर बताई थी। पदाधिकारियों संग बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि छात्र संघ चुनाव के प्रथम चरण की प्रक्रिया छह अक्टूबर से शुरू होगी।
इसके लिए महाविद्यालयों को मतदाता सूची तैयार करने, सूची को वेबसाइट पर प्रदर्शित करने एवं इसके विरुद्ध आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिया जा रहा है। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा और सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली गई, तो आठ नवंबर 2025 को चुनाव के लिए मतदान भी कराया जा सकता है।
इसके बाद भी विश्वविद्यालय के छात्र छह साल से अपना नया प्रतिनिधि चुनने का इंतजार कर रहे हैं। प्रतिनिधि न होने से छात्र अपनी समस्याओं को भी पुरजोर तरीके से नहीं उठा पा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के चलते राजनीति की पहली सीढ़ी कहे जाने वाले छात्र संघ के चुनाव की मांग कुंद पड़ चुकी थी।
हालांकि, इस मांग को लेकर छात्र संगठन को कई बार आश्वासन भी मिल चुका है। इसके बाद भी नवंबर बीतने को है, लेकिन चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। बता दें कि राजनीति में पृष्ठभूमि तलाशने वाले छात्रों के लिए छात्र संघ चुनाव अहम होते हैं। ऐसे में यह चुनाव उनके भविष्य का भी फैसला करते हैं।
छात्र नेताओं का कहना है कि हर राजनीतिक दल की युवा इकाई छात्र संघ चुनाव के पक्ष में है। बता दें कि वर्तमान में स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद भी छात्र संघ चुनाव को लेकर विश्वविद्यालय में किसी भी तरह की चहल-पहल नहीं दिख रही है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें तो शीघ्र चुनाव को लेकर तिथि की घोषणा की जाएगी।
वर्ष 2019 में हुआ था अंतिम चुनाव
विश्वविद्यालय में सालों से छात्र संघ चुनाव नहीं हो रहे हैं। 2019 में हुए चुनाव के बाद अब तक चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। कभी कोरोना को बहाना बनाया गया, तो कभी कुछ और कारण बताए गए। हाल ही में घोषणा की गई थी कि अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। लेकिन नवंबर बीतने जा रहा है, विश्वविद्यालय प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाते नहीं दिख रहा है। हालांकि, समय-समय पर छात्रों ने प्रशासन को चुनाव जल्द कराने के संबंध में कई बार अवगत भी कराया है।
विधानसभा के दूसरे चरण के मतदान के बाद छात्र संघ चुनाव को लेकर प्रक्रिया तेज होगी। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन काफी गंभीर और संवेदनशील है।
-डा. बिंदु चौहान, मीडिया प्रभारी, लनामिवि, दरभंगा।

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