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    अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा: गयाजी जिले के डोभी में जमीन अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 01:35 PM (IST)

    गया जिले के डोभी में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण लगभग पूरा हो गया है। 1671.71 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। सरकारी जमीन के मुआवजे को लेकर ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं। इस गलियारे में 13 गांवों की जमीन शामिल है। अधिग्रहीत जमीन के 1113.92 एकड़ पर क्लस्टर सेंटर बनेगा।

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    जिले में जमीन अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा

    जागरण संवाददाता, गयाजी।अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा परियोजना के तहत गया जिले के डोभी में जमीन अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इस परियोजना के लिए 1671.71 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें 636.88 एकड़ जमीन बिहार सरकार की है और 1016.24 एकड़ जमीन रैयत की है। वर्तमान में 197 एकड़ जमीन के मुआवजे की प्रक्रिया चल रही है।

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    ग्रामीणों का आंदोलन

    सरकारी जमीन के मुआवजे को लेकर ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं। बियार्डा के द्वारा जमीन का सीमांकन किया जा रहा है, जिसमें कई किसान विरोध कर रहे हैं। इस औद्योगिक गलियारे में 13 गांवों की जमीन शामिल है, जिनमें मंगरूचक, वनवासी, सुगासोत, किशोरीया, लेमबोगढ़ा, गांगी, वभनदेव, खरांटी, मसौंधा, बरिया, गाजीचक, गमहरिया और इनबोरबा गांव शामिल हैं।

    कंपनियों की रुचि

    सूत्रों के अनुसार, लगभग एक सौ कंपनी के अधिकारी जमीन का निरीक्षण कर चुके हैं। वर्तमान समय में अधिग्रहीत जमीन के चारों तरफ पिलर गाड़ा जा रहा है। इस औद्योगिक गलियारे से रेलवे, हवाई और सड़क तीनों मार्गों से जोड़ने का कार्य होगा।

    क्लस्टर सेंटर का निर्माण

    अधिग्रहीत जमीन का 1113.92 एकड़ जमीन पर क्लस्टर सेंटर बनेगा। ग्रामीणों का स्थानीय प्रशासन पर मुआवजा नहीं देने का आरोप लगाया जा रहा है। अंचल अधिकारी परीक्षित कुमार ने बताया कि रैयती जमीन को जांच करके भू-अर्जन को दे दिया गया है और भुगतान की प्रक्रिया जारी है।

    सड़क कनेक्टिविटी

    औद्योगिक कोरिडोर को जोड़ने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से रतनी के पास से चंदा होते हुए कोरिडोर जोड़ने के लिए फोर लेन सड़क का निविदा हो चुका है, जिसमें कार्य जल्द प्रारंभ होगा। वही तीन अन्य सड़क का भी निर्माण प्रस्तावित है।यह औद्योगिक गलियारा पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा। इसके निर्माण के बाद लगभग एक से डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

    कई उद्योग होगे स्थापित

    सूत्रों के अनुसार करीब 1650 एकड़ में से करीब 1040 एकड़ क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी। वहीं अन्य क्षेत्र में सड़क, खुली जगह, विभिन्न तरह के युटिलिटी सर्विस के लिए चिह्नित किया गया है। इस इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर में खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, ऑटो व ऑटो पार्ट्स मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों को प्रमुखता से लगने की संभावना है। इसका विकास चार चरणों में होने की संभावना है। कुल चार चरणों में इस क्षेत्र में करीब 1105 औद्योगिक इकाइयां लगायी जा सकेंगी। इस कॉरिडोर से औद्योगिक विकास होगा, साथ ही बिहार से रोजगार के लिए होने वाला पलायन भी रुकेगा।