Bihar Politics: 'हरे गमछे' को देख तिलमिला उठे तेजप्रताप, गुस्से में बोले- जयचंदों ने मुझे घर से निकाला...
बिहार की राजनीति में उस समय तनाव बढ़ गया जब तेजप्रताप यादव 'हरे गमछे' को देखकर गुस्से से भर गए। उन्होंने आरोप लगाया कि 'जयचंदों' ने उन्हें उनके घर से निकाल दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई। तेजप्रताप के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है।

तेजप्रताप यादव।
संवाद सूत्र, मानपुर। वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र मानपुर प्रखंड के संनौत गांव मे शुक्रवार के दिन जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजप्रताप यादव ने जनसभा को संबोधित किया। मंच पर आते ही उन्होंने अपने पिता के अंदाज में तीखे तंज कसे और जमकर जोश भरा।
तेजप्रताप बोले, प्रदेश की सरकार ने आम आदमी को पापड़ बेलने पर मजबूर कर दिया है। बेरोजगारी चरम पर है। सरकार जनता को लूटने में लगी है। जगह-जगह बहुरूपिए घूम रहे हैं, उनसे सतर्क रहना होगा।
इसी बीच उनकी नजर भीड़ में एक शख्स पर पड़ी, जिसके कंधे पर हरे रंग का गमछा था। तेजप्रताप का मूड तुरंत बदल गया। उन्होंने माइक पकड़ते हुए कहा, अभी एगो हरा पार्टी वाला आ गया। जयचंदवा के पार्टी का। पांचगो जयचंदवा मिलकर हमरा घर से बाहर कर दिए। ई गमछा हटाओ।
फिर क्या था, भीड़ भी ठहाकों से गूंज उठी। तेजप्रताप बोले- हम सलाम करते हैं उन जयचंदों को जिन्होंने हमें बाहर किया, क्योंकि आज हम जनता के बीच हैं। जनता ही हमारा घर है।

कुछ देर बाद फिर उनकी नजर एक और ‘हरा गमछे’ पर पड़ी। उन्होंने उसी जोश में कहा- देखो, एक अउर जयचंदवा के पार्टी वाला आ गया। हरा-हरा गमछा लेकर। उतारो ई गमछा। यहां भगवान कृष्ण का पीला गमछा चलता है, समझे।
मंच के नीचे खड़े युवा ठहाके लगाते रहे, जबकि तेजप्रताप बार-बार ‘जयचंद’ शब्द दोहराते हुए अपने भाषण में भावनात्मक अंदाज जोड़ते रहे। जाते-जाते लोगों से समर्थन मांगा।
पूरी सभा के दौरान भीड़ में ठहाके, शोर और तालियों की गूंज थी। तेजप्रताप अपने बिंदास तेवर और पिता वाले लहजे से एक बार फिर लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गए।
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