गया में तीन तस्कर गिरफ्तार, यूपी-बिहार एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई से अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़
गया जिला प्रशासन ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन जांच अभियान चलाया। बाराचट्टी में 684 किलोग्राम गांजा बरामद कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया। तस्करों की पहचान धीरज गुप्ता, संजीव तिवारी और विकास यादव के रूप में हुई। गांजा ओडिशा से डेहरी ऑनसोन लाया जा रहा था, जहाँ से इसे उत्तर प्रदेश भेजा जाना था। पुलिस ने मुख्य माफिया की पहचान कर ली है।

सघन वाहन जांच अभियान में बड़ी सफलता
संवाद सूत्र, बाराचट्टी (गया)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर गया जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर के निर्देश पर जिले के सभी सीमावर्ती इलाकों में पुलिस और प्रशासन द्वारा सघन वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा है, ताकि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भयमुक्त वातावरण में सम्पन्न हो सके।
इसी अभियान के तहत मंगलवार की सुबह बाराचट्टी थाना के समीप एक बड़ी कार्रवाई में 684 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया। यह कार्रवाई शेरघाटी 2 के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय प्रसाद और प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष पिंकी कुमारी, पुलिस निरीक्षक सह: अपर थानाध्यक्ष अमरेंद्र किशोर के नेतृत्व में की गई। इसमें उत्तर प्रदेश और बिहार की एसटीएफ टीम तथा जिला पुलिस बल ने संयुक्त रूप से भाग लिया।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान ट्रक संख्या जेएच 02 एएच 7702 के डलला में नमक के पैकेट के बीच छुपाकर ले जा रहे गांजा और क्रेटा वाहन संख्या जेएच 01 एफएस 1951 को जब्त किया है। इन वाहनों से कुल 684 किलो गांजा बरामद हुआ। मौके से तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी पहचान धीरज गुप्ता न्यू एरिया, संजीव तिवारी सुभाष नगर, डेहरी ऑन सोन थाना डेहरी और विकास यादव (महाराजगंज, रामगढ़, थाना बलुआ, जिला चंदौली, उत्तर प्रदेश) के रूप में की गई है।
सीटी एसपी रामानंद कुमार कौशल ने थाना परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि पकड़े गए तस्कर लंबे समय से मादक पदार्थ तस्करी नेटवर्क से जुड़े हैं और इस नेटवर्क में दूसरे स्तर के मुख्य माफिया के रूप में कार्य करते थे। ये लोग ट्रक के साथ चल रहे लाइनर वाहन के माध्यम से पुलिस की गतिविधियों की जानकारी गिरोह तक पहुंचाते थे। पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि गांजा से लदा ट्रक ओडिशा के संबलपुर से लाया जा रहा था, डेहरी ऑनसोन मंडी में डंप किया जाना था।
डेहरी मंडी में इस गांजे को छोटे-छोटे पुड़िया और पैकेट के रूप में तैयार किया जाता था, जिसे बाद में उत्तर प्रदेश के चंदौली, जौनपुर, प्रयागराज, वाराणसी और अन्य शहरों में सप्लाई किया जाता था। सीटी एसपी रामानंद कुमार कौशल ने आगे बताया कि इस नेटवर्क के मुख्य माफिया की पहचान हो चुकी है और बहुत जल्द पुलिस उसे भी गिरफ्तार करेगी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई नशे के कारोबार में संलिप्त अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ बड़ी सफलता है, जिससे उनके नेटवर्क की जड़ें कमजोर होंगी।
घटना की जानकारी के अनुसार, सूर्यमंडल जांच चौकी पर जब पुलिस द्वारा वाहनों की जांच की जा रही थी, तभी लाइनर वाहन में सवार तस्करों ने जांच देखकर ट्रक को बाराचट्टी की ओर मोड़ दिया। पुलिस ने पीछा करते हुए बाराचट्टी वन विभाग कार्यालय के सामने जीटी रोड पर ट्रक को घेरकर जब्त किया।
इस कार्रवाई में एसटीएफ बिहार के एसआई आलोक सिंह, हेड कांस्टेबल अभय विक्रम सिंह, अनिल चौरसिया, सलीम उद्दीन, राजेन्द्र पांडे, बलवंत यादव, आलोक राय, तथा एसटीएफ उत्तर प्रदेश के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह सहित कई पुलिसकर्मियों ने अहम भूमिका निभाई।
एनसीबी पटना के अधिकारियों ने बताया कि बरामद गांजा की अनुमानित बाजार कीमत लगभग 3 करोड़ 42 लाख रुपये है। इस कार्रवाई से नशा तस्करी में शामिल गिरोह को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। अंचलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि चुनाव के मद्देनज़र सीमा क्षेत्रों में निरंतर वीडियोग्राफी के साथ वाहनों की जांच की जा रही है।
पकड़े गए तस्करों के खिलाफ सीजर बनाकर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। डीएसपी अजय प्रसाद ने बताया कि विधानसभा चुनाव तक सीमावर्ती इलाकों में जांच और सख्त की जाएगी। किसी भी हालत में नशा तस्करी या अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह संयुक्त कार्रवाई गया पुलिस, एसटीएफ बिहार, एसटीएफ उत्तर प्रदेश और प्रशासनिक अधिकारियों के समन्वय का परिणाम है, जिसने अंतरराज्यीय नशा तस्करी नेटवर्क को गहरा झटका दिया है।
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