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    बेलागंज से लगातार आठवीं बार विधायक चुने गए राजद के सुरेंद्र यादव, 1990 में पहली बार मिली थी जीत

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Fri, 13 Nov 2020 10:01 AM (IST)

    गया के बेलागंज विधानसभा से राजद के सुरेंद्र यादव लगातार आठवीं बार विधायक चुने गए हैं। तीन दशकों से वे स्‍तंभ की तरह डटे हुए हैं। इस चुनाव में उन्‍होंने जदयू के मजबूत प्रत्‍याशी को शिकस्‍त देने में सफलता हासिल की है।

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    बेलागंज से लगातार आठवीं बार विधायक चुने गए सुरेंद्र यादव (दांये)। जागरण आर्काइव

    जेएनएन, गया। बेलागंज विधानसभा से डॉ. सुरेंद्र यादव आठवीं बार विधायक चुने गए हैं। 1990 में पहली बार उन्‍होंने राज्‍यमंत्री रहे कांग्रेस प्रत्‍याशी अभिराम शर्मा को पराजित किया था। तब से वे लगातार इस सीट से जीतते आ रहे हैं। इस बार उन्‍होंने मजबूत माने जाने वाले जदयू प्रत्‍याशी को शिकस्‍त दी है।

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    पहले चुनाव के समय 1990 में बेलागंज विधानसभा का भौगोलिक स्वरूप कुछ अलग था। बेलागंज प्रखंड की 18 पंचायतें, खिजरसराय की 8 एवं टिकारी की 8 पंचायतें इसमें शामिल थीं। पहली बार 4700 सौ मतों से जीत मिली। वर्ष 1995 में फिर कांग्रेस के अभिराम शर्मा से उनका सामना हुआ। इस बार जीत का मार्जिन बढ़कर 21 हजार से अधिक हो गया। इसके बाद वर्ष 2000 में प्रतिद्वंद्वी बदल गए। भाजपा से कृष्ण कुमार सिंह ने चुनाव लड़ा। फिर भी वे सुरेंद्र के विजय रथ को रोक नहीं सके। उन्‍हें 22 हजार से अधिक मतों से पराजित होना पड़ा। इसके बाद फरवरी 2005 में हुए चुनाव में फिर नए प्रतिद्वंद्वी से सामना हुआ। लोजपा से मो अमजद को उन्‍होंने हराया। उसी साल अक्टूबर में हुए चुनाव में  मो अमजद को मुंह की खानी पड़ी। वर्ष 2010 में बेलागंज विधानसभा की भौगोलिक स्थिति बदल गई।

    परिसमीमन में क्षेत्र बदला लेकिन विधायक नहीं- टिकारी और खिजरसराय का भाग कट गया और नये भाग के रूप में नगर प्रखंड एवं नगर निगम के कुछ भाग जुड़ गये। चुनावी समर में प्रतिद्वंद्वी के रूप में पुनः मो अमजद ही रहे । इस बार वे जदयू प्रत्‍याशी थे। लेकिन सफलता नहीं मिली। विजेता वही बस प्रतिद्वंद्वी बदलते गए। वर्ष 2015 में हम पार्टी से सारिम अली उनके सामने थे। उन्‍हें सुरेंद्र यादव से लगभग 31000 मतों से हार का सामना करना पड़ा।

    इस बार जदयू से अभय कुमार सिन्‍हा उनके सामने थे। टक्‍कर कड़ी थी। लेकिन विजेता फिर से सुरेंद्र यादव ही चुने गए। लगभग 23 हजार मतों से जीत हासिल कर लगातार बेलागंज से आठवीं बार विजय पताका फहराया।