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    105 साल के सब्दुल मियां ने खाट पर लेटे-लेटे किया मतदान, लोकतंत्र की मिसाल बने

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 03:30 PM (IST)

    गोपालगंज जिले के फुलवरिया प्रखंड में 105 वर्षीय सब्दुल मियां ने खाट पर लेटकर मतदान किया। शारीरिक रूप से अक्षम होने के बावजूद, उन्होंने लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई। परिवार के सदस्यों ने उन्हें मतदान केंद्र पहुंचाया, जहाँ उन्होंने वोट डाला। सब्दुल मियां पिछले 50 वर्षों से मतदान कर रहे हैं और उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे भी जिम्मेदारी से मतदान करें। उनका यह कार्य लोकतंत्र के उत्सव का प्रतीक है।

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    खाट पर लेटे-लेटे किया मतदान

    विवेक कुमार तिवारी, गोपालगंज। गोपालगंज जिले के फुलवरिया प्रखंड के सेलार कला गांव में लोकतंत्र के प्रति एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। 105 वर्षीय बुजुर्ग सब्दुल मियां, जो पिछले कई वर्षों से शारीरिक रूप से अशक्त हैं और चलने-फिरने में असमर्थ हैं, मतदान के दिन अपने अटूट जज्बे से सभी को प्रेरित कर दिया। चार पोतों के साथ खाट पर लेट कर सब्दुल मियां ने मतदान कर गांव वालों के लिए मिसाल पेश की है।

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    बताया जा रहा है मतदान के दिन गुरुवार जब परिवार के सदस्य मतदान केंद्र जाने की तैयारी कर रहे थे, तब सबदुल मियां ने दृढ़ स्वर में कहा कि हमें भी वोट करना है। परिवार के लोगों ने उनके इस जज़्बे को सलाम करते हुए उन्हें खाट पर लेटाकर नज़दीकी सेलार कला स्थित मतदान केंद्र तक पहुंचाया। 

    वहां खाट पर ही लेटे-लेटे सबदुल मियां ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सब्दुल मियां के पोते कैस अली, सोहेल अली,पुत्र मुस्तफा मियां सहित चार लोग चारों तरफ से वृद्ध को लिटाकर नजदीकी सेलार कला स्थित मतदान केंद्र पर वोट दिलवाया।मतदान केंद्र पर यह तस्वीर जिसने भी देखा आश्चर्यचकित रह गया।

    50 वर्षों से करते हैं मतदान

    अब्दुल मियां बताते हैं कि पिछले करीब 50 वर्षों से वह मतदान की प्रक्रिया में भाग लेते आ रहे हैं। पहले मनोनित की प्रक्रिया से मतदान कराया जाता था। जिसके बाद बैलेट पेपर और अब ईवीएम से वोटिंग कराया जा रहा है। 

    उन्होंने करीब 25 बार से अधिक विभिन्न चुनावों के लिए मतदान किया है। मतदान केंद्र पर उनकी इस अदम्य इच्छा शक्ति ने मतदान कर्मियों और स्थानीय ग्रामीणों को भावुक कर दिया। सभी ने इस 105 वर्षीय मतदाता के जज्बे को लोकतंत्र के लिए प्रेरणास्रोत बताया। 

    सब्दुल मियां ने बताया कि मतदान सरकार के निर्माण के लिए बेहद जरूरी है। कोई किसी के पक्ष विपक्ष में मतदान करें कि आवश्यक नहीं है सरकार बनाने के लिए जब तक सांस है तब तक मतदान करना चाहिए। 

    उनके इस कार्य ने न केवल पूरे गांव में जागरूकता का संदेश दिया, बल्कि युवाओं के लिए भी एक मिसाल कायम की कि जब एक सदी पार बुजुर्ग वोट डालने के लिए इतने उत्साहित हो सकते हैं, तो हमें भी अपने अधिकार का प्रयोग पूरी जिम्मेदारी से करना चाहिए। फुलवरिया का यह दृश्य वास्तव में लोकतंत्र के उत्सव का जीवंत उदाहरण बन गया।