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    बिहार में शिक्षक से 8 लाख की रिश्वत मामले में नया मोड़, शिक्षा विभाग में मची खलबली

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 10:48 AM (IST)

    बिहार के गोपालगंज में एक शिक्षक से 8 लाख की रिश्वत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता ...और पढ़ें

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    शिक्षा भवन गोपालगंज। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, गोपालगंज/बैकुंठपुर। शिक्षा विभाग की स्थापना शाखा पर लगे गंभीर आरोपों ने जिला प्रशासन से लेकर राजनीतिक हलकों तक हड़कंप मचा दिया है। प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मोहम्मद ग्यासुद्दीन ने डीपीओ (स्थापना) और कर्मियों पर वेतन भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ाने तथा बकाया राशि निकालने के नाम पर आठ लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है।

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    इसके समर्थन में उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर सचिव, जिलाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखित शिकायत के साथ कई मोबाइल आडियो रिकॉर्डिंग भी सौंपी है। कुचायकोट प्रखंड के बैजलहां निवासी एवं प्राथमिक विद्यालय हलुआर, बरौली के शिक्षक मोहम्मद ग्यासुद्दीन वर्ष 2015 से वेतन प्राप्त नहीं कर सके थे।

    मामला पटना उच्च न्यायालय पहुंचा, जहां से वेतन भुगतान का आदेश पारित हुआ। कोर्ट के निर्देश पर 31 अक्टूबर को उनके खाते में 22 लाख 80 हजार रुपये की बकाया राशि भेजी गई।

    शिक्षक का आरोप है कि भुगतान के तुरंत बाद डीपीओ (स्थापना) मो. साहेब आलम, लिपिक बाबूजान अंसारी और गाड़ी चालक की ओर से शेष निर्धारण, फाइल अनुमोदन और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर 8 लाख रुपये की मांग की गई। रिश्वत देने से इनकार करने पर फाइल रोकने, धमकी देने और मानसिक दबाव बनाने की भी शिकायत की गई है।

    कारण बताओ नोटिस जारी से स्थापना शाखा में हलचल

    रिश्वत मांगने से संबंधित कुछ आडियो क्लिप इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी योगेश कुमार ने कार्रवाई शुरू कर दी। दैनिक जागरण प्रसारित आडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता, परंतु मामले की गंभीरता को देखते हुए डीईओ ने डीपीओ (स्थापना) मो. साहेब आलम और लिपिक बाबूजान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है।

    प्राथमिक कार्रवाई के तहत लिपिक बाबूजान अंसारी को हटाकर कर्मी धीरज कुमार को स्थापना शाखा में प्रतिनियुक्त किया गया है। हालांकि अब तक कोई कठोर दंडात्मक कार्रवाई न होने से शिक्षकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

    सदन में गूंजा था मामला, तेज हुई राजनीतिक सरगर्मी

    कथित आडियो प्रसारित होने के बाद तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य बंशीधर ब्रजवासी ने भी मामले को सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी शिक्षक से धन की मांग होना विभाग की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल है। उन्होंने दोषी अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की मांग की।

    हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने भी की उच्च स्तरीय जांच की मांग

    हम पार्टी के जिलाध्यक्ष पंकज सिंह राणा ने जिलाधिकारी पवन कुमार सिन्हा को पत्र देकर इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप शिक्षा विभाग की छवि को धूमिल करते हैं और रिश्वत मांगने व धमकी देने जैसी घटनाएं अत्यंत चिंताजनक हैं।