Bihar Election: चुनावी ड्यूटी में नहीं चलेगा बीमारी का बहाना, अब कर्मियों को करानी होगी मेडिकल जांच
बिहार चुनाव को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाने वाले कर्मचारियों को अब मेडिकल जांच करानी होगी। चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने से पहले मेडिकल जांच करानी होगी। बिना उचित कारण के अनुपस्थित रहने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयोग का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, हालांकि कुछ कर्मचारी इस फैसले से नाराज हैं।
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जागरण संवाददाता, अरवल। जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा की अध्यक्षता में विभिन्न कोषांगों के वरीय नोडल पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में विधि व्यवस्था कोषांग के नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे सेक्टर, जोनल और सुपर जोनल पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, मतदान और मतगणना की तिथि पर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंडाधिकारी और सशस्त्र बलों की समय पर प्रतिनियुक्ति की जाए।
कार्मिक कोषांग के नोडल पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे कर्मियों की उपलब्धता के अनुसार अतिरिक्त कर्मियों की सूची तैयार करें। ऐसे कर्मियों के लिए, जिन्होंने मेडिकल कारणों से निर्वाचन कार्यों से मुक्त होने का अनुरोध किया है, मेडिकल कैम्प आयोजित कर उनकी जांच की जाएगी।
पोलिंग पार्टी का गठन समय पर किया जाए और उनके डिस्पैच के लिए आवश्यक तैयारी की जाए। पोलिंग पार्टियों को आवश्यक सामग्री वितरण के लिए सामग्री कोषांग से समन्वय स्थापित करते हुए निर्वाचन संबंधी सामग्री समय पर उपलब्ध कराई जाए।
वाहनों की टैगिंग भी समयबद्ध तरीके से की जाएगी, और सामग्री के साथ लॉगबुक और कूपन अनिवार्य रूप से दिए जाएंगे। सामग्री कोषांग के नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सभी पोलिंग पार्टियों के लिए आवश्यक सामग्रियों का सेग्रीगेशन पी-दो दिवस तक पूर्ण कर लिया जाए, ताकि पी-दो दिवस तक सभी सामग्री सभी डिस्पैच सेन्टर पर उपलब्ध हो सके।
अल्पाहार मोनिटिरिंग सेल के नोडल पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे अल्पाहार, भोजन, चाय, पेयजल आदि का मीनू चयनित आपूर्तिकर्ता को उपलब्ध कराएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि अल्पाहार समय पर कर्मियों तक पहुंचे।
अल्पाहार की पैकेटिंग और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए, साथ ही आपूर्तिकर्ता के कर्मियों के लिए आइकार्ड की व्यवस्था की जाए। आदर्श आचार संहिता के नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे आदर्श आचार संहिता का पालन कराना सुनिश्चित करें।
यदि किसी स्तर पर एमसीसी का उल्लंघन पाया जाता है, तो उस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रतिदिन रिपोर्टिंग की जाए। प्रशिक्षण कोषांग के नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि निर्वाचन कार्य में लगे सभी कर्मियों का प्रशिक्षण समय पर संपन्न कराया जाए, ताकि प्रत्येक कर्मी निर्वाचन प्रक्रिया के संबंध में प्रशिक्षित और सक्षम हो सके।
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