Bihar: इस सीट पर दिलचस्प हुआ सियासी दंगल, लालू की पार्टी में टिकट की टाइट फाइट; रेस में 2 राजद नेत्री
जहानाबाद की राजनीति में नए चेहरे और जन सुराज जैसे दल चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच होने की संभावना है। जहानाबाद जिले की तीनों विधानसभा सीटें अभी महागठबंधन के कब्जे में हैं। एनडीए नए चेहरों को मौका देकर रणनीति बना रहा है। मखदुमपुर सीट पर महागठबंधन के कई दावेदार हैं पर एनडीए से कोई सामने नहीं आया है।

जागरण संवाददाता, जहानाबाद। जहानाबाद की राजनीति में इस बार दो बदलाव देखने को मिलेंगे। नए चेहरे और नया दल, जिससे चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। पुराने लोग भी हैं, जो लंबे समय से पार्टी में अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच होता रहा है।
इस बार एक नए दल जन सुराज से भी प्रत्याशी मैदान में आने वाले हैं। नए चेहरे व नए दल की राजनीति क्या होगी, यह देखना इस बार रोचक होगा। जहानाबाद जिले की तीनों विधानसभा सीट जहानाबाद, घोसी व मखदुमपुर पर अभी विपक्षी महागठबंधन का कब्जा है।
वर्ष 2020 के चुनाव में जहानाबाद विस से सत्तारूढ़ एनडीए से जदयू प्रत्याशी कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा मैदान में थे, विपक्षी महागठबंधन से राजद प्रत्याशी कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव मैदान में थे, जो लगातार दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए थे।
वर्ष 2018 के उपचुनाव में जदयू से अभिराम शर्मा व राजद से सुदय यादव आमने-सामने थे। दोनों बार जदयू को हार मिली थी। वर्ष 2020 में 33 हजार 902 वोट व वर्ष 2018 के उपचुनाव करीब 35 हजार वोटों के अंतर से राजद ने जीत हासिल की थी।
तीसरी बार यह सीट हाथ से न निकल जाए, इसके लिए एनडीए तगड़ी रणनीति बना रहा है। इस रणनीति में सीटों का उलटफेर या नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है। इस सुगबुगाहट के बाद एनडीए के दो वरीय कार्यकर्ता चुनावी मैदान में ताल ठोकने लगे हैं।
जदयू नेता निरंजन केशव प्रिंस व हम नेता चन्नू शर्मा। दोनों का अपनी पार्टी में बड़ा कद है। चन्नू शर्मा वर्ष 2014 से पार्टी गठन के समय से ही जुड़े हैं और मखदुमपुर प्रखंड में लंबे समय से पंचायत की राजनीति में भी सक्रिय हैं।
निरंजन केशव प्रिंस छह सालों से जदयू से जुड़े हैं और पार्टी व क्षेत्र में काफी सक्रिय रहते हैं। कोरोना काल में इनकी सामाजिक भूमिका को खूब सराहा गया था। विस चुनाव की राजनीति में ये दोनों नए चेहरे अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को यह विश्वास दिलाने में जुटे हैं कि अगर उन्हें मौका मिला तो वो जीत का नया इतिहास लिख देंगे। चुनाव से पहले यह देखना भी दिलचस्प होगा कि सीट शेयरिंग में यह सीट किसके पाले में आती है। टिकट पाने में कौन सफल और कौन क्लीन बोल्ड होता है।
मखदुमपुर सुरक्षित सीट का भी कमोबेश यही हाल है। यहां एनडीए से ज्यादा महागठबंधन के दावेदार हैं। यह सीट महागठबंधन के ही पास है, राजद के सतीश दास विधायक हैं। राजद नेत्री संजू कोहली व कुमारी सुमन सिद्धार्थ टिकट पाने की रेस में शामिल हैं। एनडीए से अभी कोई दावेदार सामने नहीं आए हैं। गत विस चुनाव में राजद के सतीश कुमार ने हम के देवेंद्र कुमार को 22 हजार 565 वोटों के अंतर से पराजित किया था।
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