Chakai Assembly Seat 2025: विकास के पीछे से झांक रहीं कड़वी सच्चाइयां, बिजली-पानी के संकट से लोग परेशान
जमुई के चकाई विधानसभा क्षेत्र में विकास के दावों के बीच कुछ कड़वी सच्चाईयां भी हैं। विधायक सुमित कुमार सिंह ने कई विकास कार्य किए हैं पर बरनार जलाशय योजना अब भी अधर में है। ग्रामीण सड़कों की स्थिति सुधरी है लेकिन मुख्य सड़कें अब भी खराब हैं। विपक्ष का कहना है कि विधायक विकास के नाम पर झूठ बोल रहे हैं जबकि स्थानीय लोगों की राय अलग-अलग है।

संवाद सहयोगी, जमुई। चकाई विधानसभा क्षेत्र बिहार के उन सीमावर्ती इलाकों में गिना जाता है, जहां संसाधनों की कमी, भौगोलिक जटिलताएं और ऐतिहासिक उपेक्षा ने वर्षों तक विकास को बाधित किया। हाल के वर्षों में सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि ने बरनार जलाशय योजना से लेकर चेक डैम, पुल-पुलियों और सड़कों के निर्माण से क्षेत्र के कायाकल्प का दावा किया है, लेकिन इन दावों की चकाचौंध के पीछे कुछ कड़वी सच्चाइयां भी हैं, जो इस क्षेत्र के विकास के दर्पण को धुंधला करती हैं।
पिछले पांच वर्षों से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व विधायक सह मंत्री सुमित कुमार सिंह कर रहे हैं। इन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पिछला विधानसभा चुनाव जीता था, बाद में जदयू को समर्थन दिया और मंत्री भी बने। पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में इनके नाम ढेर सारी उपलब्धियां हैं, लेकिन कमियां अब भी पीछे पड़ी हुई हैं।
जहां एक ओर 2579 करोड़ रुपये की लागत वाली बरनार जलाशय योजना को ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है, वहीं जमीन पर अब तक सिर्फ टेंडर और स्वीकृति का जिक्र है। वास्तविक निर्माण का इंतजार अभी बाकी है। सोनो-चुरहेत पुल, जिसकी चर्चा वर्षों से हो रही है, वह भी धीमी गति से निर्माणाधीन है। बीड़ी मजदूरों की मजदूरी में वृद्धि के वादे तो हुए, परंतु उनकी सामाजिक सुरक्षा, पेंशन और चिकित्सा की सुविधाएं अब भी उपेक्षित हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में जहां डिग्री कालेज स्वीकृत हुआ, वहीं शिक्षकों की कमी और मौजूदा विद्यालयों की दुर्दशा अब भी छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगाए हुए है। स्वास्थ्य सेवाएं, खासकर सुदूर ग्रामीण इलाकों में, आज भी बदहाल स्थिति में हैं। अस्पताल तो बने हैं, लेकिन डाक्टर और दवाएं नहीं हैं।
बेरोजगारी और मूलभूत बिजली-पानी की समस्या आज भी कई पंचायतों के लिए स्थायी सिरदर्द बनी हुई हैं। आवासीय विद्यालय, इको पार्क, और बाईपास जैसी योजनाएं जरूर भविष्य की तस्वीर गढ़ती हैं, लेकिन जब तक इनका पूर्ण क्रियान्वयन और समान रूप से वितरण नहीं होगा, तब तक चकाई का समावेशी विकास अधूरा ही कहा जाएगा।
मुख्य सड़कें बेहाल, ग्रामीण सड़कों में दिखा सुधार:
चकाई विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक सह मंत्री सुमित कुमार सिंह के कार्यकाल में ग्रामीण इलाकों की सूरत कुछ हद तक जरूर बदली है। कई गांवों तक पक्की सड़कें पहुंची हैं, पहले जहां दलदलनुमा रास्तों से गुजरना पड़ता था, अब ग्रामीण सड़कों पर वाहन दौड़ रहे हैं। यह विकास ग्रामीण जनता को राहत जरूर देता है, लेकिन दूसरी ओर मुख्य सड़कों की दुर्दशा जनता को खासी परेशानी में डाल रही है।
प्रखंड से गुजरने वाले एनएच की हालत बेहद खराब है। जगह-जगह गड्ढे, वर्षा में जलजमाव व कीचड़ के कारण आवागमन जोखिम भरा हो जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंत्री ने गांवों में कई योजनाओं का शुभारंभ तो कराया, लेकिन जिन सड़कों से रोज हजारों लोग सफर करते हैं उनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया। खासकर स्कूली बच्चों, मरीजों और कामकाजी लोगों को इन सड़कों से गुजरने में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।
विकास के नाम पर झूठ का ढिढोंरा पीट रहे विधायक: विपक्ष
विधानसभा चुनाव में प्रतिद्वंद्वी रहीं विपक्ष की नेत्री सावित्री देवी का कहना है कि विधायक विकास के नाम पर झूठ का ढिंढोरा पीट रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र में जितने भी बड़े पुल-पुलियों और तालाबों का निर्माण हुआ है, उसकी प्रशासनिक स्वीकृति पहले की अनुशंसा पर मिली थी। चकाई की जनता ही सच्चाई बताएगी कि वर्तमान विधायक ने कितना विकास किया है।
वर्तमान विधायक ने चकाई को चंडीगढ़ बनाने की घोषणा की थी, लेकिन आज हालात यह हैं कि चंडीगढ़ तो दूर, सड़कें गड्ढों से भर गई हैं। खासकर बारिश के बाद सोनो-चकाई मुख्य सड़क पर चलना भी मुश्किल हो जाता है। क्षेत्र में कहीं कोई ठोस विकास नहीं दिखता। जनता सब देख और समझ रही है।
प्रमुख चुनावी घोषणाएं:
- बरनार जलाशय योजना
- सोनो-चुरहेत पुल (बरनार पुल)
- बीड़ी मजदूरी में वृद्धि
- बेहतर आवागमन के लिए नदियों पर पुलों का निर्माण
- ग्रामीण सड़कों का विस्तार
- शिक्षा को बेहतर बनाना
- स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करना
विधायक के कार्यकाल की उपलब्धियां:
- बरनार जलाशय योजना के लिए 2579 करोड़ की स्वीकृति/टेंडर पूर्ण/जल्द कार्य प्रारंभ
- 140 करोड़ की लागत से पांच दर्जन से अधिक चेक डैम निर्माण
- सोनो-चुरहेत पुल (बरनार पुल) - 60 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य जारी
- बीड़ी मजदूरी में 25 रुपये की वृद्धि और ज्यादा बढ़ाने की चल रही प्रक्रिया
- लगभग 200 करोड़ की लागत से 50 पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण
- सोनो-चकाई प्रखंड में 400 करोड़ की लागत से सैकड़ों पथ निर्माण कार्य पूर्ण
- 15 नए प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना, 20 उच्च विद्यालयों का भवन निर्माण कार्य
- कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास आदिवासी-हरिजन आवासीय विद्यालय का निर्माण
- 28 सामुदायिक भवन, शौचालय एवं वर्क शेड निर्माण
- 70 करोड़ की लागत से 60 से अधिक आहार-पोखर जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण
- 163 करोड़ की लागत से 267 आहार-पोखर का जीर्णोद्धार कार्य जारी
- 120 एकड़ में महावीर वाटिका इको पार्क
- चकाई में वृहद आश्रय गृह एवं सोनो में अतिथि गृह
- डिग्री कॉलेज, चकाई स्वीकृति
- चकाई में इथेनाल प्लांट, निर्माण कार्य जारी
- सोनो बाईपास का निर्माण, बाबा झुमराज मंदिर का सुंदरीकरण जारी
- पंचायत सरकार भवन : लगभग भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण, कुछ निर्माणाधीन
- आदिवासी कल्याण छात्रावास बामदह निर्माण कार्य पूर्ण
- चार नए थाने बटिया, चरकापत्थर, बीचकोड़वा, चिहरा का निर्माण
क्षेत्र की आवश्यकताएं एवं समस्याएं
- सोनो चौक, बाजार, चकाई चौक की सड़कों को जलजमाव, कीचड़ व अतिक्रमण से मुक्त करना
- करमटिया स्वर्ण भंडार की खोदाई चालू करना
- पंचपहाडी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना
- सोनो चौक पर सार्वजनिक शौचालय बस स्टैंड का निर्माण करना
- किसानों के लिए सिंचाई साधन का प्रबंध करना
चकाई विधानसभा एक नजर में:
- पुरुष मतदाता- 1,74,607
- महिला मतदाता- 1,61,011
- थर्ड जेंडर- 04
- कुल मतदाता- 3,35,622
मैं अपने कार्यकाल को चकाई की सेवा और जनकल्याण के एक ईमानदार प्रयास के रूप में देखता हूं। मुझे संतोष है कि मैंने जो वादे किए थे, उनसे कहीं अधिक काम जमीन पर उतारने में सफल रहा हूं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और ग्रामीण इलाकों में पुल-पुलियों के निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। बरनार जलाशय योजना इसका बड़ा उदाहरण है, जो 50 वर्षों से लंबित था और मेरा यह ड्रीम प्रोजेक्ट था। आज इस परियोजना को 2579 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है और निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। कुल मिलाकर देखा जाए तो बुनियादी संरचना से लेकर जनकल्याण की योजनाओं तक हर स्तर पर ठोस काम हुआ है और कई परियोजनाएं प्रगति पर हैं। लोगों का विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है और इसी ऊर्जा से आगे भी विकास के कार्य निरंतर चलते रहेंगे। - सुमित कुमार सिंह, मंत्री सह स्थानीय विधायक
जनता की आवाज
सोनो के महेंद दास का कहना है कि चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए गए थे। चकाई को चंडीगढ़ बनाने की घोषणा हुई थी, लेकिन स्थिति और बदतर हो गई है। गली-मोहल्ले में उनका काम कहीं नहीं दिखता है। भ्रष्टाचार-लूट चरम सीमा पर है। उनकी घोषणाएं चुनावी जुमला बनकर रह गई हैं।
सोनो के नकुल सिंह का कहना है कि चकाई विधानसभा क्षेत्र विकास की पटरी से पूरी तरह उतर गया है। तकनीकी शिक्षा के मंत्री हैं लेकिन क्षेत्र में एक अदद तकनीकी शिक्षण संस्थान का न होना सब कुछ बयां कर रहा है। छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ रहा है जिससे परेशानी हो रही है।
सोनो के प्रभु राम का कहना है कि वर्तमान विधायक सह मंत्री के कार्यकाल में अभूतपूर्व विकास दिख रहा है। सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल,तालाबों का बड़े पैमाने पर निर्माण हुआ है। इसके साथ ही बहुप्रतीक्षित बरनार जलाशय परियोजना का सपना भी अब साकार होने जा रहा है। इससे क्षेत्र में कृषि क्रांति का द्वार खुलेगा।
डुमरी के शिवशरण पांडेय ने बताया कि विधायक का कार्यकाल अब तक विकास की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहा है। पिछले पांच वर्षों के प्रतिनिधित्व में जो भी घोषणाएं की गईं, उसे पूरा करने का काम किया। जो सड़क, पुल-पुलिया यहां की जरूरत थी उसका निर्माण कराकर क्षेत्र वासियों को राहत देने का काम किया।
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