जमुई में तिरंगा यात्रा को लेकर विवाद, सीओ ने दिया इस्तीफा; सरेंडर करने पहुंचे थाने
जमुई में नेचर विलेज के संस्थापक निर्भय प्रताप तिरंगा यात्रा की अनुमति न मिलने पर भड़क गए। उन्होंने एसडीओ सौरव कुमार और टाउन अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार पर मनमानी का आरोप लगाया और सीओ पद से इस्तीफा दे दिया। निर्भय प्रताप ने प्रधानमंत्री गृह मंत्री और राष्ट्रपति से जवाब मांगा कि उन्हें तिरंगा यात्रा क्यों नहीं करने दी गई। उन्होंने एसडीओ सौरव कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए।

जागरण संवाददाता, जमुई। नेचर विलेज के संस्थापक निर्भय प्रताप 12 अगस्त को अनुमति न मिलने पर टाउन पुलिस द्वारा तिरंगा यात्रा रोके जाने के मुद्दे पर भड़क गए। इस दौरान उन्होंने शुक्रवार शाम तक जमुई के निजी विभाग भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसडीओ सौरव कुमार और टाउन अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार के खिलाफ रोष जताया और उन पर मनमानी का आरोप लगाया।
उन्होंने सीओ पद से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वे सरेंडर करने टाउन थाने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को मैं इस सरकारी सेवा से मुक्त हो रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रपति से जवाब मांगूंगा कि मुझे तिरंगा यात्रा क्यों नहीं करने दी गई।
उन्होंने कहा कि इस्तीफा भूमि सुधार विभाग, पटना के संयुक्त सचिव को भेजा जाएगा। साथ ही, उन्होंने जमुई के वर्तमान एसडीओ सौरव कुमार पर आरोप लगाया कि सिमरी बख्तियारपुर में डीसीएलआर रहते हुए उन्होंने अवैध धन अर्जित किया और पटना के सगुना मोड़ पर 3 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी। विभाग से भी जांच की मांग की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, हाल ही में निर्भय प्रताप का तबादला नवादा जिले के रजौली प्रखंड में हुआ था, लेकिन "काम नहीं तो वेतन नहीं" के बावजूद वे जमुई में रहकर नेचर विलेज नामक संस्था चला रहे थे। इस संस्था में खाद्य सामग्री, हल्दी धनिया पाउडर, सरसों तेल, अबीर-गुलाल जैसी सामग्री का उत्पादन होता है।
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