Bihar Assembly Election 2025: जमुई में उलझी है गठबंधन की गांठ, चकाई में दिलचस्प होगा मुकाबला!
जमुई जिले में एनडीए का दबदबा है पर चकाई में मुकाबला दिलचस्प होने के आसार हैं। झाझा में गठबंधन स्पष्ट है जबकि सिकंदरा और चकाई पर पेंच फंसा हुआ है। लोजपा और झामुमो अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं जिससे स्थिति उलझनपूर्ण बनी हुई है। कई नेता टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं जिससे मुकाबला और भी रोमांचक होने की संभावना है।

अरविंद कुमार सिंह, जमुई। जिले में सभी चारों विधानसभा क्षेत्र पर फिलहाल अपरोक्ष रूप से एनडीए का कब्जा है। चकाई को छोड़कर सभी तीन विधानसभा क्षेत्र में पूर्व की भांति इस बार भी मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच ही होना है। चकाई की लड़ाई टिकट पर निर्भर करता है। जमुई में फिलहाल झाझा ही एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां गठबंधन की स्थिति स्पष्ट है। यह सीट महागठबंधन में राजद तथा एनडीए में जदयू के पाले में रहना तय है।
महागठबंधन में सिकंदरा, चकाई और जमुई तथा एनडीए में सिकंदरा और चकाई को लेकर पेंच फंसा है। सिकंदरा और चकाई पर 2005 फरवरी चुनाव को आधार मानकर लोजपा अपनी दावेदारी पेश कर रहा है हालांकि एनडीए और यूपीए गठबंधन से दो बार मैदान में उतरे लोजपा उम्मीदवारों को सिकंदरा और चकाई में जीत नसीब नहीं हुई। अकेले लड़ने पर दोनों जगह लोजपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।
महागठबंधन में चकाई सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा अपनी दावेदारी पेश कर रहा है। कांग्रेस की परंपरागत सीट सिकंदरा पर राजद की दावेदारी से मामला उलझ गया है। 2015 में भी कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज किया था।
महागठबंधन की नई उलझन इंडियन इंक्लूसिव पार्टी बन गई है। बीते दो-तीन दिनों से यह चर्चा जोर शोर से हो रही है कि जमुई मुख्यालय की सीट इंडियन इंकलाब पार्टी के प्रमुख आईपी गुप्ता के खाते में जाएगी और यहां से कोई अति पिछड़ा उम्मीदवार होगा।
नेताओं की दावेदारी
सिकंदरा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र पर फिलहाल हम के प्रफुल्ल मांझी का कब्जा है। यहां से कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक बंटी चौधरी, विनोद चौधरी, धर्मेंद्र पासवान तथा सिंधु कुमार पासवान की चर्चा प्रमुखता से हो रही है। सिंधु पासवान हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं और वह स्थानीय होने का फायदा मिलने की बात कह रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता दल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और गोल्डन आंबेडकर की चर्चा है। लोजपा से सांसद अरुण भारती के अलावा रवि शंकर पासवान और सुभाष चंद्र बोस प्रमुख नाम हैं। जमुई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से श्रेयसी सिंह का मैदान में उतरना लगभग तय है। वैसे पूर्व अंचल अधिकारी निर्भर प्रताप सिंह भी हाथ पांव मार रहे हैं।
राजद से पूर्व मंत्री विजय प्रकाश, पूर्व विधायक अजय प्रताप, पप्पू मंडल की पत्नी सुजाता सिंह तथा रविंद्र मंडल की विशेष चर्चा है। जन सुराज में जिला पार्षद अनिल साह तथा अधिवक्ता रूपेश सिंह टिकट की कतार में हैं। झाझा में एनडीए से विधायक दामोदर रावत छक्का लगाने के लिए मैदान में उतरेंगे। महागठबंधन से पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र यादव के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश नारायण यादव के परिवार से किसी व्यक्ति के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही है। यहां से प्रसिद्ध चिकित्सक डा नीरज साह भी दिन-रात लगे हैं।
जन सुराज से जिला पार्षद धर्मदेव यादव तथा नेत्र चिकित्सक एनडी मिश्रा हाथ पांव मार रहे हैं। सर्वाधिक घमासान चकाई विधानसभा क्षेत्र में है। यहां राजद के खाते में सीट रहा तो सावित्री देवी का उतरना लगभग तय है। झामुमो के खाते में सीट गया तो पोलुस हेंब्रम की उम्मीदवारी पर मोहर लग सकती है।
एनडीए में निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह की दावेदारी मजबूत है लेकिन उसकी जड़ खोदने में पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद लगे हैं। पिछली बार भी उन्होंने ही सुमित को टिकट से बेदखल किया था। इधर लोजपा के खाते में सीट गया तो एमएलसी विजय सिंह की पत्नी के अलावा जिला परिषद अध्यक्ष दुलारी देवी के पति गुड्डू यादव, चंदन सिंह तथा संजय प्रसाद के साथ ही संजय मंडल की भी दावेदारी की चर्चा सुनी जा रही है।
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