Bihar News: नौ माह बाद वापस नकटी लौटा मंगोलियाई राजहंस, सुखद संकेत
जमुई जिले में प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण बन गया है। नकटी जलाशय में कॉलर लगे मंगोलियाई राजहंस की वापसी हुई है, जिससे पता चलता है कि यह क्षे ...और पढ़ें
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मंगोलियाई राजहंस। (जागरण)
संवाद सहयोगी, जमुई। जिले की आवो हवा अब प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल हो गई है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह देखने को मिला है कि नकटी जलाशय में कॉलर और ट्रांसमीटर लगे एक राजहंस यानी कि बार हेडेड गूज की फिर से वापसी हुई है।
इसके वापसी की बात 05 और 06 दिसंबर को इन दोनों जलाशयों में हुए पक्षी गणना में सामने आई है। जिला वन पदाधिकारी ने बताया कि आमतौर पर राजहंस तिब्बत और मंगोलिया में वास करते हैं और नवंबर तथा दिसंबर के महीने में जब इन देशों में बर्फीली आंधियां चलने लगती है तो यह दूसरे देशों की ओर पलायन कर जाते हैं।
22 फरवरी 2025 को नागी जलाशय के समीप बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के वैज्ञानिकों ने वन विभाग के सहयोग से दो राजहंस के गले में ट्रांसमीटर और कॉलर लगाया गया था ताकि इनकी आवाजाही की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
इनकी फिर से वापसी कहीं न कहीं इस बात का सुखद संकेत दे रहा है कि यह इस स्थल पर सबसे सुरक्षित महसूस करते हैं। सबसे बड़ी खुशी की बात है की राजहंस ने मंगोलिया के बाद इस क्षेत्र को ही अपना आश्रय स्थल बनाया है।
जिला वन पदाधिकारी जमुई तेजस जायसवाल ने कहा कि इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि इन पक्षियों में बार-बार पारंपरिक स्थलों पर लौटने की आदत होती है।
जब भी किसी व्यक्ति को किसी भी पक्षी के पैर में छल्ला या गर्दन अथवा पीठ पर कोई कॉलर या ट्रांसमीटर दिखाई दे, तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दें। पक्षियों के प्रवास मार्ग को जानने का यह शोध छोटे छोटे पक्षियों पर भी किया जाता है।

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