Traffic Rules Negilance: यातायात नियमों की अनदेखी से जा रही जानें, 2025 में 150 लोगों की मौत
कैमूर जिले में यातायात नियमों का उल्लंघन करने से सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है। पिछले 19 महीनों में 360 लोगों की जान गई है। परिवहन विभाग लोगों को जागरूक कर रहा है फिर भी नियमों का उल्लंघन हो रहा है। दुर्घटना संभावित सात ब्लैक स्पॉटों की पहचान की गई है। जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है

जागरण,संवाददाता,भभुआ। कैमूर में वाहनों के चलाने के दौरान यातायात नियमों की अनदेखी लोगों को भारी पड़ रही है। वाहनों की तेज गति से लोगों को असमय जान गंवानी पड़ रही है।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में बीते वर्ष 2024 में 210 लोगों की मौत हुई। जबकि वर्ष 2025 में जुलाई माह तक 150 लोगों की सड़क दुर्घटना में जान गई। कुल 19 माह में 360 लोग सड़क दुर्घटन के चलते असमय काल के गाल में समा गए हैं।
जिले के लोगों को सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से यातायात नियमों के अनुपालन के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद भी चालकों द्वारा नियमों की अनदेखी की जा रही है। जिसके चलते लोगों की असमय जान जा रही है। बाइक चालक बिना हेलमेट पहने तेज गति से बाइक चलाते दिखाई दे रहे है।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 में 249 सड़क दुर्घटनाएं हुई थी । जिसमें 210 लोगों की मौत हुई थी। 169 लोगों घायल हुए थे।
जबकि वर्ष 2025 में जुलाई माह तक 201 दुर्घटनाओं में 150 लोगों की जान गई, जबकि 172 लोग घायल हुए। इस तरह से कैमूर में बीते 19 माह में 450 सड़क दुर्घटनाओं में 360 लोगों की मौत हुई है। जबकि 341 लोग घायल हुए।
सात ब्लैक स्पॉटों की हुई पहचान
सड़क दुर्घटना वाले सात ब्लैक स्पॉटों की पहचान की गई है। रामगढ़ थाना क्षेत्र में एनएच 319 ए दुर्गावती नदी पुल के पास, नुआंव थान में पजरांव मोड, कुदरा थाना में पंचपोखरी से मामा भगीना होटल तक, नाथोपुर से अमिरथा गांव तक, दुर्गावती थाना क्षेत्र में दहला गांव से दुर्गावती थाना, कल्याणपुर से चेहरिया तक, दुर्गावती बाजार से दहला गांव तक।
जिले में सड़क दुर्घटनाओं के रोकने के लिए संभावित दुर्घटना वाले जगहों की पहचान कर ली गई है। अभियान चला कर वाहनों की जांच की जा रही है। साथ ही यातायात के नियमों के पालन को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। वह सड़क जहां तीन साल में पांच बडे हादसे हो गए हो या फिर एक ही स्थान पर तीन वर्षों में दस मौतें होने पर उस उस स्थान को ब्लैक स्पाट घोषित किया जाता है।- रवि रंजन, जिला परिवहन पदाधिकारी
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