बिहार में शराबबंदी की खुली पोल: घर के चूल्हों पर पक रहा देसी शराब, पुलिस पर मिलीभगत के आरोप
कोढ़ा थाना क्षेत्र में देसी शराब का अवैध निर्माण बड़े पैमाने पर हो रहा है खासकर आदिवासी और दलित बस्तियों में। स्थानीय लोगों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं और एसपी से कार्रवाई की मांग की है। भटवारा खेरिया और फुलवरिया जैसे इलाकों में शराब का कारोबार फल-फूल रहा है जिससे नशे की हालत में मारपीट की घटनाएं भी हो रही हैं।

आदिवासी एवं दलित टोलों में शराब कारोबारियों द्वारा देसी शराब का निर्माण कर आने वाले चुनाव के मौके पर उसकी बिक्री के लिए बड़ी मात्रा में उसका भंडारण किया जा रहा है। अवैध शराब कारोबारियों में पुलिस प्रशासन का भय नहीं रहने से पुलिसिया कार्रवाई पर कई सवाल उठ रहे है।
बताया जाता है कि थाना क्षेत्र के दर्जनो मुहल्ले में देसी शराब निर्माण किया जा रहा है, जिसमें भटवारा, खेरिया, रामपुर, विशनपुर, फुलवरिया, मधुरा वार्ड नंबर नौ, सरपंच टोला, पिट्ठा टोला, खेरिया पंचायत के मुसहरी टोला, रामपुर पंचायत के आदिवासी टोला, आदिवासी व महादलित टोला, कोलासी आदि शामिल है।
समाजसेवी अखिलेश कुमार सिंह, अरूण गोयल, जगदीश मेहता, प्रवीण मंडल, विश्वनाथ सिंह आदि ने कहा कि पुलिस की तालमेल से ही देसी शराब का निर्माण होता है।
अगर पुलिस चाह ले तो एक बूंद भी देसी शराब का निर्माण नहीं हो सकता है। उन्होंने एसपी शिखर चाैधरी से निर्माण हो रहे देसी शराब पर रोक लगाने की मांग किया है।
केस स्टडी - 1
कोढ़ा थाना क्षेत्र से महज पांच से छह किलोमीटर दूर भटवारा पंचायत के सरपंच टोला, पिट्ठा टोला में अवैध शराब का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है। यहां लोग पांच से 10 किलोमीटर दूर से लोग शराब पीने आते हैं। कभी कभी नशे में लोग एक दूसरे से मारपीट तक कर लेते हैं।
केश स्टडी- 2
खेरिया पंचायत में मुसहरी टोला, रामपुर पंचायत के आदिवासी टोला व महादलित टोला में यह कारोबार फल फूल रहा है । मुख्य रूप में देसी शराब का निर्माण करते है। जहां से कारोबारी प्लास्टिक के गैलन में करके दूसरे गांव कच्ची रास्ते से निकल जाते हैं। ये गांव भी थाना क्षेत्र से सात से आठ किलोमीटर की दूरी पर है।
केस स्टडी- 3
कोढ़ा थाना क्षेत्र से सात किलोमीटर दूर फुलवरिया के तिरसैनी आदिवासी टोला और नजरचौकी आदिवासी टोले में भी निर्माणकर्ता बेखौफ हैं। शाम पांच बजे से लेकर देर रात तक देसी शराब पीने वाले के लिए माहौल बना रहता है। यहां कोई टैंपो से कोई मोटरसाइकिल से भी शराब पीने आते हैं।
देसी शराब निर्माण में रोकथाम को लेकर नियमित रूप से छापामारी की जा रही है। निर्माण स्थल की जानकारी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। - रंजन कुमार सिंह, सदर एसडीपीओ टू कोढ़ा
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