Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपनी सीटों पर हैट्रिक के साथ NDA से भी कुछ झटक लेने की जुगत में राहुल, प्रशांत किशोर खराब कर सकते हैं काम

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 03:41 PM (IST)

    राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने कटिहार में महागठबंधन की चुनावी रणनीति को मजबूत किया है। कांग्रेस दो सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है जबकि एनडीए को बरारी में संभावित चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। प्रशांत किशोर का प्रभाव और सहानुभूति वोट फैक्टर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

    Hero Image
    अपनी सीटों पर हैट्रिक के साथ एनडीए से भी कुछ झटक लेने की जुगत में राहुल। (जागरण)

    आशीष सिंह चिंटू, कटिहार। वोटर अधिकार यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी ने कटिहार जिला की चुनावी बिसात पर महागठबंधन की चौसर बिछा दी है। उनकी जुगत यहां कांग्रेस की दो और माले की एक को मिलाकर महागठबंधन के खाते की तीनों सीटों पर हैट्रिक लगाने की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके साथ ही दाये-बाएं वाली सीटों को भी वे अपनी झोली में डालने के लिए प्रयासरत हैं। इस यात्रा ने कांग्रेस सहित महागठबंधन समर्थकों का आत्मविश्वास तो बढ़ाया ही है, दूसरी ओर विरोधी खेमे में हलचल भी पैदा कर दी है।

    कांग्रेस के दो विधायक

    हालांकि, एनडीए कटिहार में पिछले कुछ चुनावों से सशक्त बना हुआ है। कटिहार के सात विधान सभा क्षेत्रों में फिलहाल इस वक्त कांग्रेस के दो विधायक (कदवा में शकील अहमद खान और मनिहारी में मनोहर सिंह) हैं। बलरामपुर माले के महबूब आलम के पाले में है।

    पिछले दो चुनावों से इन तीनों सीटों पर यही स्थिति है। इनके अलावा बाकी की चार सीटें एनडीए के खाते में है। एनडीए की इस बड़ी हैसियत में बट्टा लगाने के उद्देश्य से ही राहुल ने कदवा में कुछ इस तरह का संदेश दिया, जो बगल के उस प्राणपुर तक जाए।

    प्राणपुर को अपने पाले में लाने के लिए रणनीति

    वहां पिछले चुनाव में मात्र 1.5 प्रतिशत के वोटों के अंतर से कांग्रेस हारी थी। प्राणपुर को अपने पाले में करने के लिए कांग्रेस पिछले पांच सालों से लगातार रणनीति बना रही। राहुल की यात्रा में उसकी रणनीति में कुछ और दम भर दिया है।

    बहरहाल, कटिहार विधान सभा क्षेत्र को लेकर भाजपा निश्चित हैं, लेकिन बरारी में एनडीए के लिए चिंता बनी हुई है। राहुल वहां अपने समर्थकों का कान फूंक गए हैं।

    प्रशांत किशोर का प्रभाव

    बरारी में पिछले बार लगभग दस हजार वोटों के अंतर से जदयू विजयी रहा था, लेकिन इस बार इस क्षेत्र में प्रशांत किशोर का भी प्रभाव देखा जा रहा है।

    चुनावी अधिसूचना के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्रशांत किशोर किस खेमे के वोटों में हिस्सेदारी कर रहे हैं। बरारी को लेकर एनडीए की चिंता का यह बड़ा कारण है। प्राणपुर और कोढ़ा में पिछली बार एनडीए की जीत का एक फैक्टर सहानुभूति वोट भी रहा था।

    प्राणपुर में विनोद सिंह और कोढृा में महेश पासवान की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी विधायक चुनी गई थीं। इस बार बरारी में इसी फैक्टर को लेकर महागठबंधन उत्साहित है।

    वहां राजद के अभ्यर्थियों में सबसे आगे चल रही बेबी कुमारी पूर्व विधायक नीरज कुमार की पत्नी हैं। जातीय समीकरण के साथ सहानुभूति फैक्टर के आधार पर वे टिकट की दावेदार बनी हुई है।

    comedy show banner
    comedy show banner