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    Bihar: डॉक्टरों ने बच्ची को घोषित कर दिया था मृत, तीन घंटे बाद चलने लगी सांसें

    Updated: Thu, 19 Jun 2025 12:18 AM (IST)

    सर्पदंश से इलाजरत 10 वर्षीय बच्ची को चिकित्सक ने इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया। बच्ची के स्वजन चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। तोड़ फोड़ की। तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा। इसी बीच किसी की नजर बच्ची पर पड़ी को देखा कि उसकी नब्ज चल रही है। उसने खुशी से यह चिल्लाया कि बच्ची की सांस चल रही है।

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    क्टरों ने बच्ची को घोषित कर दिया था मृत, तीन घंटे बाद चलने लगी सांसें (सांकेतिक तस्वीर)

    संवाद सहयोगी, जागरण, कटिहार। जाको राखे साइयां मार सके न कोय दोहा सदर अस्पताल में बुधवार की रात चरितार्थ होती दिखी। सर्पदंश से इलाजरत 10 वर्षीय बच्ची को चिकित्सक ने इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया।

    बच्ची के स्वजन चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। तोड़ फोड़ की। तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा। इसी बीच किसी की नजर बच्ची पर पड़ी को देखा कि उसकी नब्ज चल रही है। उसने खुशी से यह चिल्लाया कि बच्ची की सांस चल रही है।

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    शुरुआत में लोगों ने उसकी बात को भ्रम करार देते हुए दुखी समझा। फिर गौर से देखने के बाद को उठाकर अस्पताल की ओर भागे। बच्ची की पहचान ललियाही वार्ड नंबर दस निवासी प्रभू पासवान की बेटी प्रियांशी कुमारी (10) के रूप में हुई है। लेकिन हंगामे के कारण चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी नदारत दिखे।

    इसी दौरान सदर एसडीओ आलोक चंद्र चौधरी अपने वाहन से सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। और फिर बच्ची का पुन: उपचार शुरु किया गया।