Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kishanganj News: 27 मामलों में 54 पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि को मिली स्वीकृत, DM ने दिए निर्देश

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 07:02 PM (IST)

    किशनगंज में जिलाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत बैठक हुई। इस बैठक में 27 मामलों के 54 पीड़ितों को 3855700 रुपए मुआवजा राशि देने का अनुमोदन किया गया। जिलाधिकारी ने आईसीडीएस योजनाओं की समीक्षा करते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल शौचालय और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

    Hero Image
    38 लाख 55 हजार मुआवजा राशि के भुगतान का किया गया अनुमोदन। जागरण फोटो

    संवाद सहयोगी, किशनगंज। समाहरणालय स्थित कार्यालय में गुरुवार को जिलाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम और मैनुअल स्कैवेंजर रोजगार निषेध अधिनियम के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की त्रैमासिक बैठक हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिसमें विगत बैठक से लेकर अब तक दर्ज कुल 27 मामलों में कुल 54 पीड़ितों के बीच 38,55,700 रुपए मुआवजा राशि के भुगतान का अनुमोदन प्रदान किया गया।

    वहीं, जिलाधिकारी ने आईसीडीएस से संबंधित योजनाओं की भी समीक्षा किए। जिसमें जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, बल विकास परियोजना पदाधिकारी बहादुरगंज, दिघलबैंक, कोचाधामन, पोठिया एवं ठाकुरगंज उपस्थित रहे। अन्य विभाग बीसीडी, पीएचईडी और मनरेगा के पदाधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।

    जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर मौजूद पेयजल, शौचालय, विद्युत सुविधा की विस्तृत समीक्षा किए। विद्युत विभाग के पदाधिकारी को निर्देश दिए कि शेष बचे हुए आंगनबाड़ी केंद्रों पर जल्द विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने को कहा गया।

    बीसीडी पदाधिकारी आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय निर्माण एवं भवन निर्माण में तेजी लाते हुए पूर्ण करें। मनरेगा द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण हेतु पूर्व में दिए गए 55 आंगनबाड़ी केंद्र पर जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण होना जरूरी है।

    सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी पीएमएमवीवाई में प्रगति एवं पोषण ट्रैकर में लाभार्थियों का ई-केवाईसी शत प्रतिशत करवाएं। साथ सभी परियोजना से प्रत्येक माह कम से कम तीन गंभीर रूप से अतिकुपोषित बच्चे को एनआरसी में एडमिट करवाने के लिए हर संभव कार्य करें।