Bihar Chunav: चौपाल पर गरमाने लगी राजनीति, होने लगी प्रत्याशियों की अग्नि परीक्षा
मधेपुरा के आलमनगर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की तैयारी जोरों पर है। जनसुराज पार्टी को छोड़कर किसी दल ने उम्मीदवार तय नहीं किया। चुनावी चर्चा गांवों और चौराहों पर तेज हो गई है, जहां संभावित उम्मीदवारों का मूल्यांकन हो रहा है। मतदाता इस बार बदलाव चाहते हैं, और शिक्षा, विकास जैसे मुद्दों पर सवाल उठा रहे हैं।
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चौपाल में उपस्थित क्लब के सदस्य सहित मतदाता। (जागरण)
प्रदीप आर्या, पुरैनी (मधेपुरा)। बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में आगामी 06 नवंबर को 70 आलमनगर विधानसभा क्षेत्र में होने वाले चुनाव को लेकर जहां नामांकन का दौर जारी है।
वहीं, यहां से सिर्फ जनसुराज पार्टी को छोड़कर अब तक कोई भी गठबंधन एवं पार्टी अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाया है। फिलहाल टिकट पाने के लिए सभी दलों के संभावित प्रत्याशी राजधानी में डेरा जमा कर हर तिकड़म लगाने में व्यस्त है।
मालूम हो कि यहां मुख्य धारा में दो चिर-प्रतिद्वंद्वी गठबंधन के बीच ही सीधी लड़ाई होने की शत-प्रतिशत संभावना जताई जा रही है। गांव के चौपाल से लेकर चौक-चौराहे स्थित चाय-पान की दुकानों,बस पड़ाव आदि पर चुनावी चर्चाएं धीरे-धीरे तेज होने लगी है।
इन चौपालों पर फिलहाल संभावित प्रत्याशियों को विभिन्न कसौटियों पर तौला जा रहा है। प्रखंड अंतर्गत नरदह पंचायत के दुहबी-सुहबी टोले में जागरण पंचायत क्लब के तहत चुनावी चौपाल का आयोजन किया गया।
जागरण पंचायत क्लब नरदह के अध्यक्ष राहुल यादव की अध्यक्षता में आयोजित चौपाल कार्यक्रम में क्लब के अन्य सदस्य सहित दर्जनों मतदाता उपस्थित थे। चौपाल में उपस्थित अधिकांश मतदाताओं का कहना था कि इस बार मतदाताओं का मन-मिजाज कुछ बदला-बदला सा लग रहा है।
जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र के सिटिंग प्रत्याशी को क्षेत्रीय विकास के नाम पर जगह-जगह विरोध झेलना पड़ रहा है। इसी दौरान जागरण पंचायत क्लब के अध्यक्ष राहुल यादव ने कहा कि आलमनगर विधानसभा क्षेत्र शिक्षा के नाम पर काफी पिछड़ा है।
इस क्षेत्र का तीस वर्षों से लगातार प्रतिनिधित्व करने वाले आज तक यहां एक भी सरकारी डिग्री कालेज की स्थापना नहीं कर पाए हैं। इतना ही नहीं अपने गृह प्रखंड पुरैनी में 10 वर्षों से अधिक समय से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अब तक सीएचसी का दर्जा दिलाने में भी सक्षम नहीं हो पाए हैं।
सौरभ कुमार उर्फ गुड्डू ने कहा कि सूबे की सरकार ने हर क्षेत्र में लगातार बेहतर काम किया है। किसानों के लिए बहुत कुछ किया है। फसल क्षति होने पर किसानों के खाते में सहयोग राशि सीधे भेजी जाती है। जबकि पूर्व के सरकार में ऐसा कुछ भी नहीं था। साथ ही सरकार ने बिजली,सड़क,स्वास्थ्य,शिक्षा एवं स्वच्छ जल के लिए हर क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है।
दुहबी-सुहबी गांव के मनोज यादव ने कहा कि यहां विकास तो कोई मुद्दा ही नहीं है। 1995 से अब तक हुए चुनाव में यहां की जनता ने एक ही प्रत्याशी को वोट देकर जहां उसे तानाशाह बना दिया है। वहीं, क्षेत्र के विकास को भी अवरूद्ध कर दिया है।
अमित कुमार उर्फ निक्कू यादव ने कहा कि यहां विकास की बात करना बेमानी है। प्रखंड क्षेत्र के सभी नौ पंचायतों में लगाए गए नल-जल योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सड़कों के गुणवत्ता का यह हाल है कि निर्माण के एक साल के अंदर ही फिर से जर्जर एवं क्षतिग्रस्त हो जाया करती है।
इससे क्षेत्र के विकास कार्यों का अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब वक्त है पुरैनी के मतदाताओं को दलगत एवं जातीय समीकरण से ऊपर उठकर फैसला लेने का। चुनावी चर्चा धीरे-धीरे जातीय समीकरण तक पहुंचने लगी। इसी बीच बौकू साह ने कहा कोई जीते या हारे हमें तो पेट भरने के लिए मजदूरी तो करना ही पड़ेगा।
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