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    Madhepura Election 2025: जीत के लिए जाति की बिसात पर दौड़ रहे मोहरे, मुस्लिम समुदाय में नाराजगी

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 02:06 PM (IST)

    मधेपुरा में पहले चरण के चुनाव नजदीक आते ही प्रचार तेज हो गया है। राजनीतिक दल जातीय समीकरणों को साधने में जुटे हैं। कहीं लालू-तेजस्वी तो कहीं मोदी-नीतीश के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं। मुस्लिम समुदाय ने सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया है। वहीं, कुछ लोग विकास को प्राथमिकता बता रहे हैं। प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है।

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    जीत के लिए जाति की बिसात पर दौड़ रहे मोहरे, मुस्लिम समुदाय में नाराजगी

    अमितेष, मधेपुरा। पहले चरण में ही मधेपुरा जिला की चार सीटों का निर्णय होना है। मतदान की तारीख यानी छह नवंबर को नजदीक पाकर प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। इस बीच राजनीतिक दल जातीय समीकरण की बिसात बिछाने में जुट गए हैं।

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    गांवों में कहीं लालू-तेजस्वी तो कहीं मोदी-नीतीश और कहीं मुकेश सहनी-ओवैसी व प्रशांत किशोर की चर्चा चल रही है। स्थानीय मुद्दे अब पीछे छूट गए हैं, प्रत्याशी अपने-अपने नेता के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

    मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत झिटकिया चौक पर मौजूद मु. रेहान ने बताया कि वे ओवैसी के समर्थक हैं। राजद-कांग्रेस या अन्य दल सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है। मुसलमानों के हित के लिए सिर्फ ओवैसी लड़ रहे हैं।

    मुरहो चौक पर मिले जयप्रकाश बताते हैं कि चुनाव बदलाव के लिए है, इसलिए नाराजगी अपनी जगह। मुख्यमंत्री कौन होगा, यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

    सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भवानीपुर के अरविंद यादव अपनी बिरादरी के अनुसार लालू-तेजस्वी के पक्ष में हैं। वे कहते हैं कि स्थानीय विधायक काम करें या नहीं करें, हमारा वोट तो लालू-तेजस्वी के नाम पर ही जाएगा।

    हालांकि, कुमारखंड के अरुण व मनोज की राय इसके उलट है। वे बताते हैं कि नीतीश-मोदी की जोड़ी बिहार के विकास के लिए जरूरी है। 

    बिहारीगंज के रामशरण व दीनबंधु मोदी-नीतीश को विकास के लिए जरूरी मानते हैं। ग्वालपाड़ा चौक पर मिले सदानंद का कहना है कि जब हर कोई अपनी जाति की ही बात करता है तो हमलोग भी जाति के आधार पर ही वोट करेंगे।

    बिहारीगंज के हथिऔंधा निवासी मु. हासिम का कहना है कि 30 वर्षों से मुस्लिम समाज के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। आज तक भाजपा का झांसा देकर सिर्फ वोट के लिए उपयोग किया गया। दो प्रतिशत वाले को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की गई, जबकि 18 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय को दरी, कुर्सी और रैली में नारा लगाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। इस बार सोच-समझकर कर वोट करेंगे।

    मोहनपुर निवासी श्याम यादव कहते हैं कि गांव, समाज और राज्य की तरक्की एवं समृद्धि करने वालों को मतदान करेंगे। नीतीश सरकार के कार्यकाल में क्षेत्र का विकास हुआ है, लेकिन भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में फेल साबित रहे।

    इधर, चौसा निवासी मु. मेजर का कहना है कि हमारे लिए विकास प्राथमिकता है। किसी पार्टी से हमें कोई लेना-देना नहीं है।

    हालांकि, सुबह सहनी का कहना है कि इस बार हमारी पार्टी से प्रत्याशी से इसलिए किंतु-परंतु में नहीं उलझना है। श्यामसुंदर मंडल जन सुराज पार्टी की चर्चा करते हुए कहते हैं कि चुनाव की तारीख नजदीक आने पर सही निर्णय लिया जाएगा। वोट तो ऊपर देखकर ही देना है।

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