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    Laukaha Vidhan Sabha: जदयू के लिए वापसी की चुनौती, लौकहा में जातीय समीकरण दिख रहा हावी

    By Sanjay ShauryaEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 12:37 PM (IST)

    मधुबनी के लौकहा विधानसभा क्षेत्र (Laukaha Election 2025) में इस बार दिलचस्प मुकाबला है। 2020 में राजद ने जदयू से यह सीट छीनी थी। अब जदयू इसे वापस पाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गृह मंत्री अमित शाह ने भी यहां रैलियां की हैं। देखना यह है कि जनता किस पर भरोसा जताती है।

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    भारत भूषण मंडल, सतीश शाह और रेणु यादव

    संजय शौर्या, खुटौना (मधुबनी)। रविवार को दूसरे चरण का चुनावी शोर थम गया है। अंतिम दिन सबने अपनी ताकत झोंकी। लौकहा विधानसभा (Laukaha Assembly)क्षेत्र इस बहार कई मायनों में खास है। लगातार जदयू यहां से जीत हासिल कर रही थी। मगर 2020 में बने समीकरण ने जदयू को हार का मुंह दिखा दिया। राजद को यह सीट मिल गई थी।

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    इस बार राजद इस सीट को बचाने के लिए दम लगा रहा है तो जदयू राजद के पाले से अपनी खोई सीट को वापस पाने के लिए जोर लगा रहा है। इस नजरिये से जदयू के लिए यह प्रतिष्ठा की सीट है। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा खुद पूरी ताकत लगाए हुए हैं।

    दो माह के अंदर तीन बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहां आ चुके हैं। मधुबनी में मुख्यमंत्री ने पहला चुनावी कार्यक्रम भी उसी क्षेत्र में किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सभा की।

    जदयू के लिए यह सीट जीतना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पार्टी के पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने टिकट न मिलने से नाराज होकर राजद का दामन थाम लिया और पार्टी पर कई तरह के आरोप लगाए।

    जदयू ने यहां पूर्व मंत्री हरि साह के पुत्र सतीश साह पर भरोसा जताया है। वहीं, राजद के वर्तमान विधायक भारत भूषण मंडल को ही मौका दिया। जनसुराज ने रेणु यादव को लड़ाया है। इसके अलावा जिप सदस्य राम लखन यादव निर्दलीय लड़ रहे हैं।

    जातीय समीकरणों की बात करें तो क्षेत्र में यादव, धानुक, महादलित, अतिपिछड़ा और सवर्ण मत निर्णायक भूमिका में हैं। एक ओर एनडीए मतों के ध्रुवीकरण की कोशिश में है तो दूसरी ओर महागठबंधन एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के सहारे चुनावी मैदान में उतरा है।

    इधर, जनसुराज और निर्दलीय प्रत्याशी भी कई क्षेत्रों में मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। लौकही से चार बार के जिला परिषद सदस्य राम लखन यादव महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। पिछले चुनावों में जदयू के लिए मुसीबत बन रहे तेली समाज के वोटर को एनडीए बांधने की पूरी कोशिक की है।

    एनडीए सुशासन तो महागठबंधन ने रोजगार का दिया नारा

    एनडीए विकास, सुशासन एवं डबल इंजन की सरकार बनाने की बात को लेकर जनता के बीच जाता रहा और महागठबंधन नौकरी, रोजगार एवं युवाओं की सरकार की बात आम मतदाताओं को समझाते नजर आए।

    जनसुराज के उम्मीदवार पलायन, रोजगार, भ्रष्टाचार के साथ अपने बच्चे के साथ बिहार की बेहतरी के लिए 35 वर्षों से चली आ रही शासन सत्ता को बदलने का नारा बुलंद कर रहे हैं। रविवार सुबह बाइक यात्रा के क्रम में करीब 10 किमी की दूरी तय कर कारमेघ मध्य पंचायत पहुंचा।

    सुभाष चौक स्थित चाय की दुकान चला रहे मंटू कुमार लाहा की दुकान पर चुनावी चर्चा जोरों पर थी। हनुमान प्रसाद गुप्ता ने बताया कि एनडीए सरकार में विकास तो हुआ है, लेकिन अभी और सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लौकहा बाजार नेपाल सीमा से सटा है।

    यहां लंबी दूरी की ट्रेनें शुरू होना जरूरी है। 20 किमी. दूर ललमनियां पंचायत के घोरमोहना में दवा दुकानदार रामवृक्ष पासवान ने कहा, चुनाव आते ही सभी दल वादे करते हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं होता। अब तक यहां एक भी उद्योग नहीं लगा ताकि बेरोजगारी दूर हो सके।

    बिहार को मजदूरों का राज्य बना दिया गया है। 40 किमी. दक्षिण स्थित बाघा कुसमार पंचायत के प्रयागपुर में मो. फूल अंसारी ने कहा कि विकास तो हुआ है, लेकिन अफसरशाही और भ्रष्टाचार चरम पर है।