Madhubani news : जनकपुरधाम में सजेगा दिव्य स्वयंवर, पहुंचने लगे भारत व नेपाल के श्रद्धालु
जनकपुरधाम में एक भव्य स्वयंवर का आयोजन हो रहा है, जिसमें भारत और नेपाल से श्रद्धालु भाग लेने के लिए आ रहे हैं। इस धार्मिक आयोजन को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।

विवाहोत्सव के लिए को लेकर चल रही तैयारी। फाइल फोटो
मनोज झा, जागरण, जनकपुरधाम । नेपाल की ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी जनकपुर धाम में प्रभु श्रीराम व जनक नंदनी माता जानकी के विवाहोत्सव की तैयारी पूरी हो चुकी है। गुरुवार को नगर दर्शन के साथ सात दिवसीय विवाह महोत्सव की शुरुआत होगी।
25 नवंबर को जनकपुरधाम स्थित रंगभूमि बारहबीघा मैदान में माता जानकी का स्वयंवर अर्थात डोला मिलन होगा। विवाह महोत्सव में शामिल होने के लिए सीमावर्ती क्षेत्र सहित दूर दराज से श्रद्धालु व साधू संत जनकपुरधाम पहुंचने लगे हैं।
देश-विदेश में ब्याही गई नेपाल मूल की बेटियां भी अपने मायके पहुंचने लगी हैं। विवाह महोत्सव का साक्षी बनने बेटियों के साथ दामाद भी अपने ससुराल पहुंच गए हैं। जनकपुरधाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए जानकी मंदिर परिसर में विशाल पंडाल लगाया गया है। जहां प्रतिदिन शाम में रामायण होगा व झांकी निकाली जाएगी।
जानकी मंदिर के महंत राम रोशन दास ने बताया कि गुरुवार को प्रभु श्रीराम नगर दर्शन करेंगे। उसके बाद विवाहोत्सव का विधान शुरू होगा। महोत्सव के दौरान जनकपुरधाम के जानकी पट्टी में मांस मदिरा पर प्रतिबंध रहता है। नगरवासी पूरी तरह शाकाहारी भोजन व फलहार ग्रहण करते हैं।
26 को राम कलेवा के बाद बरातियों की होगी विदाई
20 नवंबर नगर दर्शन से विवाह पंचमी महोत्सव की शुरुआत होगी। 21 नवंबर को फुलवारी लीला, 22 को धनुष यज्ञ, 23 को तिलकोत्सव, 24 को मटकोर तथा 25 नवंबर को स्वयंवर तथा शुभ विवाह होगा।
श्रीराम अनुज लक्ष्मण व गुरु विश्वामित्र के साथ जब पहली बार जनकपुरधाम आए थे तब उन्हें सबसे पहले नगर का दर्शन कराया गया था। इसलिए नगर दर्शन की परंपरा है। फुलवारी लीला में फूल तोड़ने राजा जनक के पुष्प वाटिका में गए राम की जनक नंदनी सीता से पहली मुलाकात हुई थी। तिलकोत्सव के लिए छप्पन प्रकार के व्यंजन, मिठाई व फल के साथ भगवान श्रीराम को तिलक चढ़ाने के लिए दोपहर एक बजे प्रस्थान होगा। वहीं मटकोर के दिन गंगासागर पोखर में माता जानकी के मटकोर की रस्म अदा की जाएगी।
25 नवंबर को दोपहर एक बजे जानकी मंदिर से जनक नंदनी का डोला और श्रीराम मंदिर से अवध कुमार का डोला रंगभूमि मैदान पहुंचेगा। यहां स्वयंवर की रस्म पूरी होगी। शाम छह बजे विवाह का समापन होगा। 26 नवंबर को राम कलेवा के दौरान बारातियों को दोपहर एक बजे मर्याद भोजन कराकर विदा किया जाएगा।

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