Madhubani News: खेतों में पानी लगने से धान की फसलें बर्बाद; किसानों में बढ़ी चिंता, गेहूं की बुआई में भी देरी
मधुबनी में खेतों में पानी भरने से धान की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। जलभराव के कारण गेहूं की बुआई में भी देरी हो रही है। किसानों का कहना है कि मौसम की मार ने उन्हें बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे उनकी फसलें खराब हो रही हैं।

खेतों में पानी लगने से धान की फसलें बर्बाद। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, मधवापुर। बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान मोंथा का स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में व्यापक असर दिख रहा है। बीते गुरुवार से प्रखंड क्षेत्र में रुक-रुक कर बुंदाबांदी और झमाझम बारिश हो रही है।
लोगों जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। एक ओर जहां हथिया नक्षत्र की बारिश से किसान पहले से ही परेशान थे। अब मोंथा तूफान की अचानक हो रही बारिश से किसानों की बेचैनी बढ़ गई है। किसान छठ पर्व के बाद धान कटनी की तैयारी में जुटे रहे थे।
वहीं नवंबर प्रथम सप्ताह से गेहूं बुआई की जुगाड़ कर रहे थे। किन्तु मोंथा तूफान के असर से हो रही लगातार बारिश से किसानों के सभी मंसूबे पर पानी फेर दिया है। लोग दिनभर घरों में ही दुबके रहे।
बारिश से जहां खेतों में खड़ी पकी धान की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा है, वहीं अब रबी सीजन की तैयारियों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। खेतों में लगी पकी धान के पौधे गिर पड़ें है। जिससे उपज प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। जिस खेतों में पानी सुखने का इंतजार हो रहा था वहां पानी भर चुका है।
रामपुर के किसान सह सरपंच बलराम कुमार झा, मधवापुर के किसान जीबछ साह, बिहारी के लक्षण देव मंडल, फुल कुमार मिश्र समेत कई किसानों ने बताया कि करीब दो एकड़ में अगता वेरायटी की धान की फसल किया था।
फसल काफी अच्छी थी और धान पक चुका था। एक सप्ताह में धान की कटाई होती मगर खेत में धान की फसल गिर गई है। जिससे धान की फसल अब मारी जाएगी।
इसके अलावा रबी फसलों की तैयारी भी अधर में लटक गई है। जिससे किसान काफी चिंतित दिख रहे हैं। जबकि झमाझम बारिश के कारण प्रखंड मुख्यालय समेत अधिकांश ग्रामीण सड़क पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।
राहगीरों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि साहरघाट -दरभंगा स्टेट हाइवे सड़क में साहरघाट राम-जानकी चौक, नायक गेट, साहरघाट-चोरौत सड़क में बैरवा, मधवापुर-बासुकी मुख्य सड़क समेत अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।

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