Bihar Politics: बिहार की इस सीट पर महागठबंधन में घमासान, कांग्रेस-राजद में टिकट को लेकर रस्साकशी!
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा के बाद मधुबनी के फुलपरास में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में उत्साह है। कांग्रेस फुलपरास सीट लड़ने को लेकर आश्वस्त है लेकिन राजद भी मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है। राहुल गांधी का फुलपरास में अधिक समय बिताना कांग्रेस की दावेदारी को मजबूत करता है। राजद में कई नेता टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं।

देवकांत झा, फुलपरास (मधुबनी)। राहुल गांधी और तेजस्वी प्रसाद यादव सहित महागठबंधन नेताओं की वोटर अधिकार यात्रा के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ है। किसके खाते में कौन-सी सीट जाएगी, उसपर भी कानाफूसी शुरू हो गई है। कांग्रेस के लोग फुलपरास सीट लड़ने को कंफर्म मानकर चल रहे हैं, लेकिन राजद के लोग अभी मानने को तैयार नहीं हैं।
यात्रा के बाद अब संभावित प्रत्याशियों की धड़कने भी तेज हो गई हैं। राजनीतिक समीक्षकों की नजर में राहुल गांधी द्वारा फुलपरास में यात्रा के दौरान सबसे अधिक समय देना बहुत कुछ इशारा कर रहा है जो आने वाले समय में स्पष्ट हो जाएगा।
यात्रा के दौरान जिले सहित अन्य जिलों के संभावित प्रत्याशियों ने भी शिरकत की, लेकिन मुख्य रूप से अनुमंडल के फुलपरास एवं लौकहा विधानसभा की भागीदारी सबसे अधिक रही है।
विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस ने बेनीपट्टी एवं फुलपरास विधानसभा से चुनाव लड़ा था, दोनों पर सवर्ण प्रत्याशी उतारे गये थे जो हार गए, लेकिन फुलपरास के अपेक्षा बेनीपट्टी में लगभग तीन गुना अधिक मतों से कांग्रेस पराजित हुई थी।
यहां यह भी बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल बनने के बाद फुलपरास से आजतक राजद नहीं जीत पाई है, जबकि उन्होंने भी पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा को बारी बारी से प्रत्याशी बनाया। हालांकि, इस बार राजद भी फुलपरास सीट पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है। इसके पीछे तर्क हैं कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का गृह विधानसभा फुलपरास है।
वहीं, लौकहा में विधायक भारत भूषण मंडल के अलावा पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा के कई दावेदार ताल ठोक रहे हैं। यहां बता दें कि विधानसभा चुनाव 2020 में लौकहा से राजद की जीत का प्रमुख कारण लोजपा प्रत्याशी स्व प्रमोद प्रियदर्शी को 30 हजार से अधिक वोट मिलना था। प्रियदर्शी विधानसभा चुनाव 2015 में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े चुके थे।
राजद के दावेदारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2020 में विधायक भारत भूषण मंडल अतिपिछड़ा वोट में सेंध नहीं लगा पाए तो फुलपरास में राजद के दावेदार का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक सवर्ण वोट बैंक में सेंध नहीं कर पाने के कारण फुलपरास से हारे।
फुलपरास कांग्रेस से पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक, ज्योति झा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुबोध मंडल, पूर्व विधान पार्षद विनोद कुमार सिंह के अलावा जिले के एक पूर्व सांसद भी टिकट के जुगाड़ में लगे हुए हैं। चर्चा इस बात की भी है कि कांग्रेस चौंकाने वाला उम्मीदवार भी फुलपरास से दे सकती है जो किसी समाजिक संगठन से हो।
हालांकि, राजद में सीट आने पर बहुतेरे दावेदार हैं। जिसमें रहिका सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्मानंद यादव, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष विना देवी, राजद के प्रदेश प्रवक्ता प्रशांत मंडल एवं चुल्हाई कामत प्रमुख हैं।
इसी तरह लौकहा में विधायक भारत भूषण मंडल अपनी टिकट को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं लेकिन अतिपिछड़ा में घोघरडीहा नगर पंचायत के मुख्य पार्षद अनिल कुमार मंडल एवं अधिवक्ता बलराम साह तो पिछड़ा में राजद के युवा जिलाध्यक्ष रविरंजन राजा और वामदल से जिला पार्षद रामलखन यादव भी अपनी अपनी दावेदारी पार्टी में पेश कर रहे हैं।
इधर, राजनीतिक समीक्षकों की माने तो फुलपरास पर कांग्रेस की मजबूत दावेदारी है। कहा कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल लौकहा विधानसभा क्षेत्र से गुजरे जरूर, लेकिन फुलपरास विधानसभा में लगभग साढ़े चार घंटे से अधिक समय व्यतीत करना सबकुछ स्पष्ट कर देता है और लौकहा से राजद ही लड़ेगी, लेकिन उसमें पार्टी को जीत के लिए विशेष समीकरण का ध्यान रखना होगा चूकि इसबार लोजपा एनडीए में है।
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