Madhubani News : क्या कर्ज चुकाने के लिए छोटे भाई का अपहरण ही था आखिरी रास्ता?
बिहार के मधुबनी जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। बड़े भाई ने कर्ज लिया और उसके छोटे का अपहरण हो गया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और ...और पढ़ें

पुलिस के पास मौजूद बरामद अनातुल्ला । जागरण
संवाद सहयोगी, बाबूबरही (मधुबनी)। मधुबनी जिले में कर्ज को लेकर शुरू हुई एक निजी उधारी की कहानी अचानक अपहरण जैसे हैरतअंगेज मोड़ पर पहुंच गई। मामला यह निकला कि बड़े भाई ने हरियाणा जाकर कर्ज लिया था, लेकिन कर्ज देने वाले ने रकम वापस न मिलने पर दबाव बनाने का खौफनाक तरीका अपनाया। उसने कर्ज लेने वाले के छोटे भाई का अपहरण कर लिया।
किशोर को हरियाणा से आकर बरहारा गांव से जबरन उठा ले गए
हरियाणा से आकर बाबूबरही थाना क्षेत्र के बरहारा गांव से जबरन उठा ले भागे किशोर को बाबूबरही थाना पुलिस बरामद कर लिया है। जिसे मंगलवार को बयान दर्ज कराने मधुबनी न्यायालय ले जाया गया।
160000 रुपये हो गया था बकाया
बता दें कि बरहारा गांव निवासी मो उवैशी श्री बालाजी इंटरप्राइजेज बहादुरगंज, हरियाणा में बतौर मजदूर काम करता था। जिसके ऊपर कंपनी का 160000 रुपए बकाया हो गया था। दो-तीन माह पूर्व ओवैशी का छोटा भाई अमानुल्लाह भी उसी कंपनी में काम करने गया। किंतु बड़े भाई के कर्ज की राशि इनको मजदूरी से काटा जाने लगा।
राशन पानी के अभाव को लेकर ये बालाजी कंपनी में काम छोड़ दिया। इधर ओवैशी भी काम छोड़कर अपने घर आ गया। इस घटनाक्रम से कंपनी की मालकिनी ज्योति सिंह आक्रोशित हो उठा। ये बगैर केस मुकदमा दर्ज कराए अपने पुत्र श्लोक कुमार, पति प्रमोद सिंह, पंडित जी एवं रुद्रपुर थाना के गधराईन गांव निवासी मो सलमान के साथ मो ओवैशी के घर आ धमका।
छोटे भाई अनातुल्लाह को अपनी गाड़ी में बैठकर ले भागा
चार दिसंबर की भोर में ओवैशी को खोजते इनके छोटे भाई अनातुल्लाह को अपनी गाड़ी पर चापलूसी से बैठा ले भागा। फोन किए जाने पर कंपनी के लेनदेन का हिसाब करने बाबूबरही थाना पर बुलाया गया। किंतु घर के लोग तब हतप्रभ रह गए जब थाने पर अनातुल्लाह के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
इस घटनाक्रम को लेकर अपहृत के भाई के भाई अनीश अंसारी द्वारा बाबूबरही थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया गया। थानाध्यक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते एसआइ एलबी राय को घटना के अनुसंधान को लेकर जिम्मेदारी सौंपी। घटनाक्रम के उद्वेदन को लेकर आइओ हरियाणा पहुंचे।
इधर दो दिनों तक कंपनी के मालिक के चंगुल में फंसे अनातुल्लाह ने मौका पाकर घर से भाग निकल दिल्ली एक रिश्तेदार के घर पहुंच गए। जहां से पुलिस ने इसे बरामद कर ली।
अमानुतुल्ला की माने तो दो दिनों तक इन्हें बंदी बनाकर रखा गया तीन मंजिले भवन पर बंदी बनाकर कमरे में ताला जड़कर रखा जाता था। खाना के नाम पर 24 घंटे में महज कुछ थमा दिया जाता ।
ये बडे़ भाई मो ओवैशी के आने तक बंदी बना कर रखने क की बात करती थी। 6 दिसंबर की सुबह अनातुल्लाह को जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो ये गेट को जोर-जोर से पीटने लगा। मालकिन ने ज्योंही बाहर से गेट खोली त्योंही ये वहां से भाग निकला।

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