मुंगेर से भागलपुर का सफर होगा आसान, गंगा किनारे बनेगा मरीन ड्राइव; नवरात्र में सौगात देगी नीतीश सरकार
मुंगेर में पटना के बाद गंगा किनारे मरीन ड्राइव बनेगा जिससे भागलपुर की दूरी कम होगी। 7846 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पथवे का शिलान्यास नवरात्र में संभावित है। दो चरणों में बनने वाले इस ड्राइव से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और शहर में जाम से निजात मिलेगी। सरकार का लक्ष्य मुंगेर से भागलपुर का सफर एक घंटे में पूरा करने का है।

जागरण संवाददाता, मुंगेर। पटना के बाद मुंगेर में गंगा किनारे मरीन ड्राइव पर गाड़ियां फर्राटा भरेंगी। मुंगेर से भागलपुर तक की दूरी कम समय में तय होगी। फोरलेन बनने वाले मरीन ड्राइव (गंगा पथवे) का शिलान्यास इसी माह नवरात्र में होगा। पहले इसको लेकर बिहार स्टेट डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (बीएसडीसीएल) ने टेंडर जारी किया है। मरीन ड्राइव मुंगेर और सबौर के बीच दो फेज में बनेगा। इसके निर्माण के लिए करीब 7,846 करोड़ का टेंडर जारी हुआ है।
पहले फेज में सफियासराय से सुल्तानगंज रोड तक काम होगा। पहले फेज के निर्माण में लगभग 4,006 करोड़ रुपये का खर्च होगा। वहीं, दूसरे फेज में सुल्तानगंज से सबौर गंगा पथ तक बनेगा। इस फेज के निर्माण पर करीब 3,842 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूरे मरीन ड्राइव पर तीन टोल प्लाजा बनेगा।
राज्य सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि निविदा प्रक्रिया 12 सितंबर को जारी कर दी जाएगी। फाइनल 20 सितंबर को होगा। नवरात्र के बीच में ही इसका शिलान्यास कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लगभग चार वर्ष में काम पूरा करते हुए हैंडओवर करना है। साथ ही संबंधित एजेंसी को 15 साल मेंटेनेंस भी करना होगा।
सरकार की सोच है कि एक घंटे में मुंगेर से भागलपुर का सफर पूरा हो जाए। शहर में वाहनों के जाम से निजात मिल सकेगी। साथ ही बाढ़ से बचाव भी होगा। पर्यटन केंद्र के रूप में भी गंगा घाट को विकसित किया जाएगा।
चार वर्ष में पूरा करना है काम
राजधानी पटना के बाद मुंगेर में ही दूसरा मरीन ड्राइव बनने की कवायद शुरू हुई है। जानकारी के अनुसार निविदा होने के बाद दोनों फेज का टेंडर पांच सितंबर को खुलेगा। 16 अगस्त को प्री-बीड मीटिंग बुलाई गई है। बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन जिस एजेंसी को निर्माण का जिम्मा सौंपेगी। लगभग चार वर्ष में काम पूरा करते हुए हैंडओवर करना है।
साथ ही संबंधित एजेंसी को 15 साल मेंटेनेंस भी करना होगा। सरकार की सोच है कि एक घंटे में मुंगेर से भागलपुर का सफर पूरा हो जाए। शहर में वाहनों के जाम से निजात मिल सकेगी। साथ ही बाढ़ से बचाव भी होगा। पर्यटन केंद्र के रूप में भी गंगा घाट को विकसित किया जाएगा। वाणिज्य-व्यापार के क्षेत्र में भी दोनों जिले के लोगों को फायदा मिलने वाला है।
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर, पर्यटन को बढ़ावा
मरीन ड्राइव बनने से रोजगार का अवसर बढ़ेगा। लोगों को रोजगार मिलेगा। पथवे पर चाय-नाश्ता आदि की दुकानें खुलेंगी। ऐसे में बाहर रोजगार करने वालों को जाने की नौबत नहीं होगी। अभी पटना में बने मरीन ड्राइव पर बड़ी संख्या में छोटे-बड़ी दुकानें चल रही हैं। लोगों को रोजगार मिल गया है। आने वाले दिनों में मुंगेर में भी यह देखने को मिलेगा।
मरीन ड्राइव बनने से लोगों को शाम में घूमने का एक स्पॉट भी मिल जाएगा। गंगा की लहरों को काफी नजदीक से देख सकेंगे। मरीन ड्राइव के अंतर्गत पड़ने वाले घाटों का भी स्वरूप बदल जाएगा।
छोटा और बड़ा अंडरपास भी होगा
मरीन ड्राइव का निर्माण पहले फेज में सफियासराय से बरियारपुर-घोरघट होते हुए सुल्तानगंज तक 42 किमी होगा। इसमें पैट ग्रेड सड़क 29.25 किमी में 14 शार्ट व्हीकल अंडरपास और 13 लार्ज व्हीकल अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। इसमें 12.72 किमी एलिवेटेड सड़क होगी। इस फेज में दो टोल प्लाजा का निर्माण भी किया जाएगा। साथ ही गंगा के किनारे 16 घाटों का जीर्णोद्धार होगा।
लगभग 5000 वर्गमीटर क्षेत्र में विश्राम स्थल का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह दूसरे चरण में सुल्तानगंज से भागलपुर होते हुए सबौर तक 40.80 किमी का निर्माण होना है। इसमें 26.56 किमी एटग्रेड सड़क और 14.76 किमी एलिवेटेड सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस फेज में एक टोल प्लाजा भी बनेगा।
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