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    पटना में रहकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र को डेंगू, एसकेएमसीएच में जांच के दौरान हुई पुष्टि

    Updated: Sun, 24 Aug 2025 01:22 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में डेंगू वार्ड में भर्ती चार मरीजों में से एक की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मरीज पटना में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था और बुखार होने पर घर लौटा। एसकेएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई। फिलहाल अस्पताल में डेंगू के चार मरीज भर्ती हैं जिनमें से एक गर्भवती महिला भी है।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच के डेंगू वार्ड में भर्ती चार मरीजों में एक मरीज का डेंगू की पुष्टि हुई है। जांच माइक्रोबायोलाजी विभाग में हुआ था। इसके बाद यह डेंगू का पता लगा।

    मरीज देवरिया के रामप्रवेश सहनी का 22 वर्षीय पुत्र राजकिशोर कुमार है। उसने बताया कि वह पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है। वहीं पर उसको ठंड लगकर बुखार हो गया था।

    इसके बाद वह घर आ गया। निजी जांच घर में जांच के दौरान डेंगू की पुष्टि हुई। इसके बाद वह एसकेएमसीएच के डेंगू वार्ड में इलाज के लिए भर्ती हो गया। हालांकि डाक्टर ने एसकेएमसीएच के माइक्रोबायोलाजी विभाग से जांच कराने की सलाह दी।

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    यहां फिर से जांच हुई तो डेंगू की पुष्टि हुई। प्रभारी अधीक्षक डा. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल एसकेएमसीएच में डेंगू के चार मरीज भर्ती है। पूर्व में एक डिस्चार्ज हो चुके हैं। सभी मरीजों के हालत में सुधार हो रहा है। इन मरीजों में एक गर्भवती महिला भी है। भर्ती चार मरीजों में एक कुढ़नी और तीन सीतामढ़ी के हैं। दो मरीज मुंबई और एक पटना से घर आया है।

    एसकेएमसीएच में एचसीवी और एचबीवनएसी किट समाप्त

    मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच के क्लीनिकल पैथोलाजी विभाग में एचसीवी और एचबीवनएसी किट तीन माह से नहीं है। मरीजों की जांच प्रभावित है। मरीजों को निजी पैथोलाजी सेंटर जाना पर रहा है।

    यह किट महंगी है। क्लीनिकल पैथोलाजी सेंटर की प्रतिमाह की रिपोर्ट के अनुसार अगर किट रहती तो अबतक 45 हजार लोगों जांच करा पाते। आम तौर पर जांच के लिए 15 हजार प्रतिमाह इस किट का उपयोग एसकेएमसीएच में होता है।

    मरीजों को सुविधा और इलाज प्रभावित नहीं हो इसके लिए प्राचार्य डा. आभा रानी सिन्हा लगातार बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों को पत्राचार कर रही है। इसके बाद भी किट उपलब्ध नहीं हो रहा है। चिकित्सक बताते हैं कि आपरेशन में एचसीवी जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    मरीजों का आपरेशन के पूर्व हेपेटाइटिस सी एंटीबाडी परीक्षण किए बैगर संभव नहीं है। मरीज कभी हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी) से संक्रमित हुए हैं या नहीं इसके जांच जरूरी होती है।

    जबकि एचबीवनएसी किट एक रक्त परीक्षण है जो पिछले दो से तीन महीनों में मरीजों के औसत ब्लड शुगर के स्तर को मापता है। यह परीक्षण मधुमेह (डायबिटीज) का पता लगाने और पहले से मधुमेह वाले लोगों में ब्लड शुगर के स्तर की निगरानी करने के लिए महत्वपूर्ण है।