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    डीएमसीएच की जमीन से हटाए जाएंगे एनाटामी, बायोकेमिस्ट्री, फिजियोलाजी विभाग व छात्रावास

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Fri, 29 Jul 2022 05:12 PM (IST)

    Darbhanga News दरभंगा में एम्स निर्माण से डीएमसीएच में उपचार के साथ पढ़ाई हो सकती बाधित। तत्काल विभागों के संचालन के लिए फेब्रिकेटेड भवन बनाने की योजना नहीं शुरू हो सका। मिट्टी की भराई का काम लगभग पूरा।

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    डीएमसीएच में एनाटामी, फिजियोलाजी और बायोकेमिस्ट्री विभाग के सामने जलभराव। जागरण

    दरभंगा, जासं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ) का निर्माण शुरू होने के बाद दरभंगा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) की व्यवस्था प्रभावित होगी । पढ़ाई और इलाज के साथ छात्रावास भी इसकी चपेट में आएंगे। एम्स के लिए चयनित डीएमसीएच की जमीन पर एनाटामी , बायोकेमिस्ट्री और फिजियोलाजी विभाग के साथ महिला व पुरुष छात्रावास भवन बने हैं । करीब दो माह पहले इन्हें तोडऩे का आदेश जारी हुआ था , लेकिन तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से काम जहां-तहां रुका है।

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    फेब्रिकेटेड भवन बनाने की योजना 

    एम्स के लिए चयनित जमीन पर नौ पुरुष और दो महिला छात्रावास हैं। इनके अलावा एनाटामी, फिजियोलाजी और बायोकेमिस्ट्री विभाग हैं। इनके लिए डीएमसीएच की जमीन पर भवन बनाया जाएगा । तत्काल इन विभागों के संचालन के लिए छह करोड़ की लागत से फेब्रिकेटेड भवन बनाया जाना है । इसके लिए बीएमआइसीएल ( बिहार मेडिकल सर्विस कारपोरेशन लिमिटेड) को जिम्मेदारी सौंपी गई है । हालांकि भवन निर्माण नहीं होने से शिफ्टिंग रुकी हुई है।

    छह माह से पढ़ाई पर असर 

    उक्त तीनों विभागों के परिसर के चारों ओर करीब चार फीट मिट्टी की भराई हो चुकी है। बरसात में यहां दुर्दशा है। सड़कें कीचड़ में तब्दील हैं और भवनों में छत से पानी टपकता है । एम्स के लिए जब से इस स्थल का चयन कर फेब्रिकेटेड भवन बनाने की योजना बनी है , तब से पढ़ाई पर असर पड़ रहा है । इंजीनियर निखिल कुमार का कहना है कि भवन निर्माण के लिए पटना पत्र भेजा जा चुका है । आदेश मिलते ही चिह्नित जमीन पर काम शुरू होगा। प्राचार्य डा. केएन मिश्रा ने बताया कि सरकार की ओर से तीन भवनों को तोडऩे का आदेश है । वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से काम आगे नहीं बढ़ पाया है । निर्माण कार्य का यही हाल रहा तो लंबे समय तक पढ़ाई बाधित हो सकती है।