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    Nitish Cabinet: मंत्रियों की संख्या के बाद विभागों के बंटवारे में भी उत्तर बिहार को निराशा

    By Ajit kumarEdited By: Ajit kumar
    Updated: Fri, 21 Nov 2025 07:23 PM (IST)

    Bihar Cabinet: सीएम नीतीश कुमार की सरकार के गठन के बाद मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया है। हालांकि जिस अनुपात में उत्तर बिहार का पर ...और पढ़ें

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    इस बार भाजपा और जदयू में मंत्रालयों के बंटवारे में स्पष्ट अंतर दिख रहा है। फाइल फोटो 

    डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। Bihar Mantrimandal 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 संपन्न होने के बाद अब नई सरकार के शपथ ग्रहण और उसके बाद मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे की प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई है। सीएम नीतीश कुमार की ओर से विभागों के बंटवारे के बाद नई सरकार का कामकाज शुरू हो गया है।

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    हालांकि इस सरकार में उत्तर बिहार के लिए कोई उत्साहजनक सूचना नहीं है। तात्पर्य यह कि पिछली सरकार से तुलना करें तो न केवल मंत्रियों की संख्या कम हो गई वरन महत्वपूर्ण विभाग भी उत्तर बिहार के मंत्रियों को नहीं मिले। अब कैबिनेट विस्तार से उम्मीद है।

    समस्तीपुर के सरायरंजन से चुने गए विजय कुमार चौधरी को पुरानी सरकार वाले जल संसाधन विभाग के साथ ही साथ संसदीय कार्य, सूचना एवं जनसंपर्क के साथ ही भवन निर्माण विभाग भी दिया गया है।

    मधुबनी की खजौली सीट से जीते अरुण शंकर प्रसाद को पर्यटन और कला संस्कृति एवं युवा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। उसी तरह से पश्चिम चंपारण के नारायण प्रसाद को आपदा प्रबंधन, मुजफ्फरपुर की औराई सीट से विजयी रहीं रमा निषाद को पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्‍याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

    दरभंगा के मदन सहनी के पास उनका पुराना विभाग ही रहा है। उन्हें समाज कल्‍याण विभाग सौंपा गया है। पुरानी सरकार से तुलना करें तो पिछली बार की तुलना में उत्तर बिहार के मंत्रियों की संख्या आधी से भी कम रह गई है।

    वहीं उद्योग मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, नगर विकास एवं आवास विभाग, पंचायती राज मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जो उत्तर बिहार के मंत्रियों के पास हुआ करता था, वह अब नहीं रहा। इस तरह से देखा जाए तो दोतरफा नुकसान हुआ है।

    पिछली सरकार में रेणु देवी के पास पशु एवं मत्स्य संसाधन, नीतीश मिश्रा के पास उद्योग मंत्रालय, राजू सिंह के पास पर्यटन मंत्रालय, जीवेश मिश्रा के पास नगर विकास एवं आवास, संजय सरावगी को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, केदार गुप्ता के पास पंचायती राज मंत्रालय और शीला मंडल के पास परिवहन मंत्रालय था।

    इस स्थिति में सरकार और पूर्व मंत्री के समर्थकों को खरमास खत्म होने के बाद होने वाले कैबिनेट के संभावित विस्तार से उम्मीद है। उसमें भी भाजपा कोटे के अधिकतर मंत्रियों ने तो शपथ ले ही ली है। ऐसे में जदयू कोटा से उन जिलों के नेताओं की संभावना अधिक है जहां से अभी तक किसी को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी है। 

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