जहां मुर्दों को भी करना पड़ता अपनी बारी का इंतजार...बिहार में है अनूठा पोस्टमार्टम हाउस
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच पोस्टमार्टम हाउस में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में देरी से दुर्गंध फैल रही है, जिससे डॉक्टर, मरीज और छात्र परेशान हैं। पुलिस 72 घंटे बाद भी अंतिम संस्कार नहीं करा रही है, जबकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि वे पुलिस को अंतिम संस्कार के लिए पैसे देते हैं।

यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। BIHAR NEWS: एसकेएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस मे लंबे समय से शव अंत्येष्टि के इंतजार में पड़े हैं। आधा दर्जन से अधिक लावारिस शव की अंत्येष्टि नहीं होने के कारण शव मे कीड़े लग गए हैं।
शव गलने लगे हैं। उससे निकली बदबू को लेकर पोस्टमार्टम हाउस से गुजरने वाले चिकित्सक, कर्मचारी और मरीज व उनके स्वजन नाक पर रूमाल रखकर लिए गुजरने को मजबूर बताए जा रहे हैं।
नौबत यह है कि श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय के एमबीबीएस और पीजी स्टुडेंट्स कालेज से हास्पिटल आने के दौरान रास्ता बदल लिए हैं। प्रशिक्षण को लेकर एसकेएमसीएच में आने वाले नर्सिंग कालेज की स्टुडेंट्स का गाड़ी लगना बंद हो गया है।
बताया जा रहा है कि जिला में मृत लोगों का पोस्टमार्टम एसकेएमसीएच में होता है। साथ ही जिला में मिले लावारिस शव की पहचान नहीं होने की स्थित में 72 घंटे तक शव को सुरक्षित रखने के लिए थाना के पुलिस द्वारा एफएमटी विभागाध्यक्ष को पत्राचार किया जाता है।
लेकिन 72 घंटे बाद भी पुलिस अंतेष्टि करवाने की जबावदेही इन दिनों भुल जा रही है। बताया जा रहा है कि इनदिनों एसकेएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस में सबसे अधिक लावारिस शव एसकेएमसीएच ओपी पुलिस का पड़ा है।
जानकारी अनुसार, एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान वार्ड चार के सामने बने लावारिस वार्ड में तीस वर्षीय पुरुष व्यक्ति की मौत हो गयी थी। जबकि सिकंदपुर के एक व्यक्ति ने एक बुजुर्ग व्यक्ति का भर्ती कराकर चले गए थे। उसकी भी मौत हो गयी थी।
इसके साथ एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हो गयी थी। इसके साथ ही रामपुरहरि, नगर और कटरा थाना का एक-एक शव पडा हुआ है।
एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक डा. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि शव की अंतेष्टि के लिए पुलिस को दो हजार रुपए रोगी कल्याण समिति से मुहैया किया जाता है।
अंतेष्टि राशि का डिमांड करने पर उक्त राशि का चेक निर्गत किया जाता है। अंतेष्टि की जबावदेही पुलिस को रहती है। लेकिन अंतेष्टि समय पर नहीं हो रही, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
उधर, एफएमटी विभागाध्यक्ष डा. नीतीश कुमार ने बताया कि संबंधित पुलिस 72 घंटे तक ही रखने के लिए पत्राचार करती है। समय पूरा होने पर उन्हें अंतेष्टि करनी चाहिए।
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