Bihar News: पीएम मोदी ने किया होमी भाभा कैंसर अस्पताल का उद्घाटन, यहां बनेगी 100 बेड की Palliative Care Unit
Bihar News बोधगया से वर्चुअल माध्यम से पीएम मोदी ने किया शुभारंभ। दो ब्लाक बनकर तैयार हो गया है। वहीं अब एक ही छत के नीचे कैंसर मरीजों की जांच व इलाज की व्यवस्था होगी। उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इससे समय की बचत होगी। 570 करोड़ की लागत से तीन साल में यह आधुनिक अस्पताल बना है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच परिसर में बने होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र का वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गयाजी से किया। इसके साथ 100 बेड की पैलिएटिव केयर यूनिट का भी शिलान्यास किया। इसके शुरू होने से अब मरीजों को एक ही छत के नीचे जांच, इलाज और अनुसंधान की सुविधा मिलेगी।
अस्पताल के प्रभारी डा.रविकांत सिंह ने बताया कि यह उत्तर बिहार का एकमात्र और सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल है, जिसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के निर्माण में 570 करोड़ रुपये की लागत आई है।
अस्पताल शुरू होने के बाद मरीजों को जांच व इलाज के लिए अलग-अलग जगह नहीं जाना पड़ेगा। अब एक ही छत के नीचे ओपीडी, जांच, सर्जरी, कीमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी की सुविधा मिलेगी। साथ ही आयुष्मान कार्ड के तहत रियायती दर पर भी इलाज उपलब्ध रहेगा।
डा. सिंह ने बताया कि 2019 से अब तक अस्पताल में लगभग 20 हजार मरीजों का इलाज हो चुका है। वहीं, पिछले तीन साल में 9 हजार से अधिक सर्जरी और 42 हजार कीमोथेरेपी की जा चुकी हैं। मरीजों की सहूलियत के लिए अस्पताल परिसर में ठहरने की भी व्यवस्था की जा रही है।
इस अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त राजकुमार, अस्पताल के निदेशक डा. कुमार प्रभाष, एसकेएमसीएच की प्राचार्य डा. आभा रानी सिन्हा, पूर्व प्राचार्य डा. विकास कुमार, उपाधीक्षक डा. सतीश कुमार सिंह, सदर अस्पताल अधीक्षक डा बीएस झा, समेत कई चिकित्सक और पदाधिकारी मौजूद रहे।
एसकेएमसीएच से नए भवन तक का सफर
इस अस्पताल की नींव 27 दिसंबर 2019 को रखी गई थी। शुरुआत में डा.रविकांत सिंह ने एसकेएमसीएच परिसर के एक छोटे से कमरे से काम शुरू किया। धीरे-धीरे ओपीडी, आपरेशन थिएटर व वार्ड शुरू हुए। बाद में सरकार ने 45 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई, जिस पर भवन तैयार हुआ।
विशेषताएं
- ओपीडी, जांच व इलाज, रेडियोलाजी सुविधा, आयुष्मान कार्ड पर इलाज
- 150 बेड का अस्पताल, प्रतिदिन 500 से 600 कैंसर मरीज पहुंच रहे
- मरीजों के घर जाकर सेवा दे रही पैलिएटिव केयर टीम
- गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिए अत्याधुनिक नैकीथेरेपी तकनीक उपलब्ध
- अनुसंधान टीम पीएचसी तक जाकर संदिग्ध मरीजों की पहचान कर रही
स्थापना से अब तक 21 हजार मरीजों का इलाज
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल में स्थापना के बाद से अब तक 21 हजार मरीजों का इलाज किया जा चुका है। इनमें नेपाल व भूटान समेत सात देशों के मरीजों के साथ बिहार और नगालैंड सहित 11 राज्यों से लोग यहां पहुंचे हैं।
सेंटर प्रभारी ने बताया कि इस संस्थान की स्थापना में तत्कालीन एसकेएमसीएच के प्राचार्य डा.विकास कुमार व अधीक्षक डा.बीएस झा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अस्पताल की शुरुआत के बाद कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई या कोलकाता जैसे महानगरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। यह संस्थान न सिर्फ मुजफ्फरपुर बल्कि पूरे बिहार के लिए कैंसर उपचार का एक प्रमुख केंद्र साबित हो रहा है।
अस्पताल से इलाज के साथ रोजगार के अवसर सृजित
अस्पताल में रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, सर्जिकल आन्कोलाजी, अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक मशीनें, कैंसर रिसर्च व ट्रेनिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां चिकित्सा शिक्षा और कैंसर रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही बड़ी संख्या में चिकित्सकों, नर्सों व स्वास्थ्यकर्मियों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
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