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    काम की बात : जमीन खरीद-बिक्री के नियम में बदलाव, अनदेखा करने पर डूब सकती पूरी जिंदगी की कमाई

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 12:20 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में अब नगर निकाय के साथ आयोजना क्षेत्र की जमीन की खरीद-बिक्री में स्थल जांच अनिवार्य कर दी गई है। सहायक निबंधन महानिरीक्षक राकेश कुमार ने सभी जिला अवर निबंधकों को निर्देश जारी किए हैं। राजस्व की चोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। जांच के बाद ही जमीन की श्रेणी तय होगी। मुशहरी समेत छह प्रखंडों के गांव आयोजना क्षेत्र में शामिल हैं।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। जमीन की खरीद-बिक्री मामले में लगातार राजस्व चोरी के आरोप लगते रहे हैं। इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए नियम में कुछ बदलाव किए गए हैं।

    जांच अनिवार्य 

    नगर निकाय के साथ अब आयोजना क्षेत्र की सभी जमीन की खरीद-बिक्री में स्थल जांच अनिवार्य रूप से होगा। इस संबंध में तिरहुत प्रमंडल के सहायक निबंधन महानिरीक्षक (एआइजी) राकेश कुमार ने सभी जिला अवर निबंधकों को निर्देश जारी किया है।

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    राजस्व की चोरी रोकने के लिए यह कदम

    उन्होंने आयोजना क्षेत्र के सभी मौजों की सूची भी उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने जमीन की खरीद-बिक्री में राजस्व की चोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया है। विदित हो कि एआइजी ने हाल के दिनों में जमीन के निबंधन के मामलों में राजस्व की चोरी के कई मामले पकड़े।

    गलत श्रेणी में जमीन निबंधन

    इसमें यह बात सामने आई कि जमीन की स्थल जांच नहीं होने से गलत श्रेणी की जमीन निबंधित कर दी गई। इसे देखते हुए ही ऐसा किया जा रहा है। एआइजी के आदेश के बाद अब नगर निगम क्षेत्र के पास के 216 गांवों की जमीन की रजिस्ट्री से पहले उसकी स्थल जांच की जाएगी।इसके बाद ही श्रेणी का निर्णय लिया जाएगा।

    आवासीय को विकासशील बनाए जाने के अधिक मामले

    निगम क्षेत्र से सटे होने के कारण आयोजना क्षेत्र में आवासीय श्रेणी की जमीन अधिक है। दूसरी ओर इसका निबंधन आवासीय की जगह विकासशील या दो फसला में हो रही है। स्थल जांच नहीं होने से सरकार को कम राजस्व मिल रहा, जबकि जमीन अधिक कीमत में बिक रही। इनमें से कुछ ही जमीन के दस्तावेज की जांच हो पाती है। इससे सारी चोरी पकड़ी नहीं जा पा रही।

    छह प्रखंड के गांव आयोजना क्षेत्र में हैं शामिल

    आयोजना क्षेत्र में मुशहरी, कांटी, कुढ़नी, मड़वन, बोचहां और मीनापुर प्रखंडों के गांवों को शामिल किया गया है। यहां नगर निगम की तरह ही भवन निर्माण के नक्शे भी आनलाइन स्वीकृत किए जाने लगे हैं। अब निबंधन से पहले स्थलीय जांच भी होगी। एआइजी ने लोगों से भी अपील की है कि किसी तरह की राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है तो उन्हें इसकी सूचना दी। इसके लिए उन्होंने मोबाइल नंबर और ई-मेल भी जारी किया है।

    यहां दें सूचना

    मोबाइल नंबर : 9110036314

    ई-मेल : एआइजी.टीआइआरएचयूटी@जीमेल.काम

    आयोजना क्षेत्र में शामिल प्रखंड और गांव

    मुशहरी में सबसे अधिक 115 राजस्व ग्राम। इसके अलावा कांटी में 43, मड़वन में 23, कुढ़नी में 18, बोचहां में 10 एवं मीनापुर में सात राजस्व ग्राम हैं। इसके अलावा छह और गांवों को बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसके बाद यह संख्या बढ़कर 222 हो जाएगी।