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    BRABU : राजभवन ने भेजी अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री प्रोग्राम की पाठ्यक्रम संरचना

    By Prashant Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sun, 12 Oct 2025 12:01 PM (IST)

    BRABU :मुजफ्फरपुर के बीआरएबीयू समेत राज्य के विश्वविद्यालयों में अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री प्रोग्राम (एइडीपी) शुरू करने की तैयारी है। राजभवन ने पाठ्यक्रम संरचना भेज दी है, लेकिन सत्र 2025-26 से कोर्स शुरू होना मुश्किल है। यूजीसी का उद्देश्य शिक्षा और रोजगार के बीच अंतर को कम करना है, जिसके लिए इंडस्ट्री आधारित ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है। कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। BRA Bihar University: बीआरएबीयू समेत राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर शुरू होने वाले अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री प्रोग्राम यानी एइडीपी के संचालन को लेकर प्रक्रिया तेज हो गई है।

    राजभवन ने कोर्स शुरू करने से पहले इसकी पाठ्यक्रम संरचना को सभी विश्वविद्यालयों को उपलब्ध करा दिया है। राजभवन की ओर से निर्देश जारी किया गया है कि इसे विश्वविद्यालय के विभिन्न निकायों से अनुमोदन के बाद राजभवन को भेजा जाए।

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    ऐसे में सत्र 2025 - 26 के सत्र से कोर्स का संचालन शुरू होना मुश्किल है। ऐसे में आगामी एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट और सीनेट की बैठक में कोर्स की पाठ्यक्रम संरचना को अनुमोदित कराया जाएगा।

    ऐसे में स्नातक स्तर पर कोर्स का संचालन 2026- 27 के सत्र से ही शुरू होने की संभावना है। राजभवन की ओर से कहा गया है कि स्नातक स्तर पर छात्र-छात्राओं को रोजगार से जोड़ने के लिए और उन्हें पढ़ाई के साथ ही इंडस्ट्री आधारित ट्रेनिंग के लिए स्नातक स्तर पर एइडीपी का संचालन किए जाने का निर्देश यूजीसी की ओर से दिया गया है।

    इसी आधार पर राज्य के विश्वविद्यालयों के विभिन्न कालेजों में इसे शुरू किया जाना है। कोर्स का संचालन सेमेस्टर मोड में होगा। इसका मकद इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार स्नातकों को तैयार करना है।

    कहा गया है कि एईडीपी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है। यह शैक्षणिक और व्यावसायिक शिक्षा को मिलाकर समग्र और व्यावहारिक शिक्षा पर ज़ोर देती है।

    यह कार्यक्रम छात्रों को उद्योग-प्रासंगिक कौशल से लैस करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जिससे शिक्षा और रोज़गार के बीच सहज संक्रमण सुनिश्चित होता है।

    यूजीसी का उद्देश्य उद्योग-अकादमिक सहयोग को मज़बूत करके शिक्षा और रोज़गार के अंतर को कम करना है।

    तीन महीने ट्रेनिंग पर 10 क्रेडिट

    कोर्स का संचालन चार वर्षीय स्नातक की तर्ज पर ही सेमेस्टर सिस्टम में होना है। इसमें ट्रेनिंग की अवधि में क्रेडिट दिया जाएगा। तीन महीने के प्रशिक्षण पर 10 क्रेडिट अर्जित कर सकेंगे।

    एईडीपी तीन वर्षीय और चार वर्षीय दोनों ही कोर्स उपलब्ध होंगे जो सेमेस्टर सिस्टम में चलेगा। तीन वर्षीय कोर्स में अप्रेंटिसशिप के लिए कम से कम एक और अधिक से अधिक तीन सेमेस्टर निर्धारित है।

    वहीं चार वर्षीय कोर्स में कम से कम दो और अधिक से अधिक चार सेमेस्टर का निर्धारण किया गया है।