जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से नामांकन प्रक्रिया में डिजिटल सुविधा दी जा रही है। इसके तहत उम्मीदवार नामांकन करने के दौरान शुल्क भुगतान, शपथ पत्र, एवं आवश्यक दस्तावेजों को डिजिटल माध्यम से प्रस्तुत कर सकेंगे।
डिजिटल प्रक्रिया से उम्मीदवारों को सुविधा मिलेगी। कागज की भी बचत होगी। इसकी जानकारी मंगलवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम सुब्रत कुमार सेन ने दी। उन्होंने कहा कि जिले की सभी नौ चेकपोस्टों को शीघ्र सक्रिय कर दिया जाएगा। यहां पर सीसी कैमरा लगाए जाएंगे।
साथ ही वहां पर मजिस्ट्रेट की तैनाती, वाहन जांच के लिए ट्राली की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि चेक पोस्टों पर वाहनों की सघन तलाशी लेकर शराब, नकदी और अवैध शस्त्र की निगरानी की जाएगी, ताकि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके।
इस दौरान उन्होंने चुनाव को लेकर गठित सभी 24 कोषांग के नोडल और वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कोषांगवार कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और सभी अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अनुपालन करने को कहा।
उ न्होंने उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि बुधवार को सभी निर्वाची एवं सहायक निर्वाची पदाधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण का आयोजन किया जाए।
जिसमें ईवीएम और वीवीपैट की हैंड्स-आन ट्रेनिंग भी दी जाएगी। उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया को अब पूरी तरह व्यवस्थित, समयबद्ध और पारदर्शी बना दिया गया है।
प्रत्येक विस क्षेत्र में होंगे तीन-तीन चेकपोस्ट : डीएम ने कहा कि अभी नौ चेकपोस्ट को सक्रिय किया जाएगा। इसके बाद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन-तीन चेकपोस्ट बनाए जाएंगे। वहीं, जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा 4207 वाहनों का आकलन किया गया है, जिसमें छोटे-बड़े सभी प्रकार के वाहन शामिल हैं।
समाहरणालय सभागार के ऊपरी तल पर निर्वाचन व्यय सेल, एमसीएमसी, सोशल मीडिया सेल और डायल 1950 के रूप में एक इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम संचालित रहेगा। उन्होंने उप निर्वाचन पदाधिकारी को आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सभी सरकारी भवनों, सार्वजनिक परिसरों, सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों, पंचायत भवनों, बिजली के पोल, बस स्टैंडो और अन्य सार्वजनिक स्थलों से राजनीतिक पोस्टर, बैनर, झंडे और होर्डिंग्स हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
पब्लिक प्रापर्टी डिफेसमेंट एक्ट के तहत सार्वजनिक संपत्ति पर किसी भी प्रकार की लिखावट या प्रचार सामग्री लगाना दंडनीय अपराध है। इस कानून के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर जुर्माना एवं कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसके लिए नगर निगम, नगर परिषद और सभी अंचलों में विशेष टीम गठित की गई हैं, जो पोस्टर-बैनर हटाने की कार्रवाई कर रही हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा लागू की गई
ये तीन प्रमुख व्यवस्थाएं
नामांकन की डिजिटल प्रक्रिया, सिंगल विंडो सिस्टम और डायल 1950 हेल्पलाइन से लोकतांत्रिक प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसुविधा का नया अध्याय जोड़ रही हैं।
इन उपायों से न केवल उम्मीदवारों के लिए कार्य आसान हुआ है, बल्कि आम मतदाताओं को भी चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी और जानकारी का अधिकार सशक्त रूप में प्राप्त हुआ है।
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